Monday, 13 January 2025
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कब मनाया जाएगा गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व, जानें इनके विचार और मान्यताएं

कब मनाया जाएगा गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व, जानें इनके विचार और मान्यताएं

गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती हर वर्ष पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस विशेष अवसर पर देशभर के सभी गुरुद्वारों को भव्य रूप से सजाया जाता है। इसके अतिरिक्त, इस दिन गुरुद्वारे में लंगर का आयोजन भी किया जाता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु थे। उन्होंने सिख धर्म को सशक्त किया और अपने अनुयायियों को सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

कब है पुत्रदा एकदाशी व्रत? जानें तिथि, पूजा विधि और पारण का शुभ मुहूर्त

कब है पुत्रदा एकदाशी व्रत? जानें तिथि, पूजा विधि और पारण का शुभ मुहूर्त

पौष पुत्रदा एकादशी, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जो संतान सुख, उनके स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद देने वाले माने जाते हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं।

निहंग बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर को राष्ट्रीय संत घोषित

निहंग बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर को राष्ट्रीय संत घोषित

 अनंत विभूषित वैष्णव कुलभूषण श्री श्री 1008 श्री महंत नित्य गोपाल दास जी द्वारा महाराज पीठाधीश्वर श्री मणिराम दास छोटी छावनी, अध्यक्ष श्री  राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास मथुरा के संरक्षण में बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर को वैष्णव संप्रदाय की धर्म ध्वजा को सम्पूर्ण विश्व में कीर्तिमान स्थापित करने के लिए सनातन धर्म का वैभव व राष्ट्रीय संत की उपाधि व वैष्णव पदम अलंकरण दे सम्मानित किया ।

जाने साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि की तिथि, ऐसे करें शिवजी को प्रसन्न

जाने साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि की तिथि, ऐसे करें शिवजी को प्रसन्न

 मासिक शिवरात्रि का पवित्र उत्सव हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष की अंतिम शिवरात्रि पौष शिवरात्रि है। यहां से जानें वर्ष 2024 की अंतिम मासिक शिवरात्रि कब होगी और इसका शुभ मुहूर्त क्या है।

सोमवती अमावस्या पर पितृ स्तोत्र का पाठ करने से होगा पितृ दोष दूर

सोमवती अमावस्या पर पितृ स्तोत्र का पाठ करने से होगा पितृ दोष दूर

 इस वर्ष की अंतिम अमावस्या सोमवार को आ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाएगा। इस दिन श्रीहरि और पितरों के साथ महादेव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही, कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना भी आवश्यक है। ऐसा करने से व्यक्ति को पितरों की कृपा प्राप्त होती है। यदि आप पितृ दोष का सामना कर रहे हैं, तो सोमवती अमावस्या के दिन पितृ स्त्रोत और पितृ कवच का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष समाप्त होता है, साथ ही सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।

नए साल में कब है फुलेरा दूज, जाने शुभ मुहूर्त

नए साल में कब है फुलेरा दूज, जाने शुभ मुहूर्त

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भगवान कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि फुलेरा दूज के दिन से भगवान श्रीकृष्ण ने फूलों की होली खेलने की शुरुआत की थी। तभी से हर साल मथुरा समेत पूरे ब्रज में फुलेरा दूज के पर्व को मनाने की परंपरा जारी है। इस शुभ अवसर पर श्री राधा कृष्ण की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है, जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में आइए इस आपको बताते हैं कि फुलेरा दूज के शुभ मुहूर्त के बारे में।

मीठी ठंड के बीच धूमधाम से मनाया गया 18वां गुरुग्राम संकीर्तन महोत्सव-2024

मीठी ठंड के बीच धूमधाम से मनाया गया 18वां गुरुग्राम संकीर्तन महोत्सव-2024

श्री श्याम बजरंंग परिवार गुरुग्राम व श्री श्याम परिवार फाउंडेशन गुरुग्राम की ओर से शनिवार की रात को 18वां मेला श्री श्याम धनी सरकार का गुरुग्राम संकीर्तन महोत्सव-2024 धूमधाम से मनाया गया। यहां बस अड्डे के सामने गौशाला मैदान में हुए भव्य आयोजन में बरसानेे से लेकर गुरुग्राम, दिल्ली, कोलकाता के कलाकारों ने मधुर भजनों से रात भर भक्ति रस में डुबोये रखा।

जल्द बृहस्पति होंगे मार्गी, इन 3 राशियों की पलटेगी किस्मत

जल्द बृहस्पति होंगे मार्गी, इन 3 राशियों की पलटेगी किस्मत

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल व स्थिति का बेहद महत्व है, क्योंकि इसका असर प्रत्येक राशि के जीवन पर पड़ता है। कहते हैं कि ग्रह एक राशि में सीमित काल के लिए ही रहते हैं। बता दें, ग्रहों के इन राशि परिवर्तन का असर 12 राशियों पर अलग-अलग तरह से पड़ता है। जैसे कि फरवरी साल 2025 में देव गुरू बृहस्पति वृषभ राशि में मार्गी होने जा रहे हैं, जिसका असर कुछ राशियों पर काफी ज्यादा पड़ेगा। माना जा रहा है कि यह बहुत ही लाभकारी होगा है, तो आइए उन लकी राशियों के नाम जानते हैं, जिनकी खाली झोली जल्द भरने वाली है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन मनाया जाएगा तुलसी पूजन दिवस, नोट करें नियम और शुभ मुहूर्त

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जाने महाकुंभ में अखाड़ा क्या होता है, किसने दिया इसका नाम?

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4 साहिबजादे की वीरता सिखों के इतिहास का सुनहरा पन्ना है, धर्म के लिए बलिदान का ऐसा उदाहरण कहीं नहीं

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जानें खरमास में तुलसी पूजा का खास महत्व

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जानें किस दिन मनाई जाएगी साल की अंतिम पूर्णिमा, अभी नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

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महाकुंभ 2025 : जानें कुंभ मेला में क्यों किया जाता है कल्पवास, क्या है इसके पीछे का कारण?

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जानिए 4 या 5 दिसंबर, कब है विनायक चतुर्थी? यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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 जानिए कब है अगहन की मासिक शिवरात्रि? निशिता काल में होगी शिव पूजा, देखें शुभ मुहूर्त

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इस समुदाय में लिए जाते हैं 7 की जगह सिर्फ 4 फेरे, जानें इसके पीछे की कहानी भी है बड़ी रोचक

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