Saturday, 26 July 2025
BREAKING
यूटी चंडीगढ़ के मुख्य सचिव राजीव वर्मा ने 70 नव-नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने विशेष बच्चों की शिक्षा नीति 2025 शुरू की Ask ChatGPT हरियाणा में तीन नए आपराधिक कानूनों पर बड़ा आयोजन करेगी सरकार भगवंत सिंह मान द्वारा बठिंडा में 11 अनमोल जिंदगियाँ बचाने वाले चार पुलिस कर्मियों को 'मुख्यमंत्री रक्षक पदक' देने की घोषणा सामान्य यात्री अब 26 और 27 जुलाई को हरियाणा के विभिन्न शहरों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सी ई टी) परीक्षा में सेवाएं देने वाली बसों में सफर कर सकेंगे : परिवहन मंत्री अनिल विज औद्योगिक क्षेत्रों को प्रोत्साहन के लिए हरियाणा में व्यापक स्तर पर काम जारी - राव नरबीर सिंह अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह डॉ. सुमिता मिश्रा ने की सीईटी परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा चंडीगढ़ में साइबर सुरक्षा और एआई नवाचार केंद्र के रूप में उभरने की अपार संभावनाएं प्रदेश में तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर आयोजन की तैयारियां पूरीः मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पांच किलो गांजा के साथ नशा तस्कर गिरफ्तार

धर्म कर्म

15 जुलाई-विश्व युवा कौशल दिवस पर विशेष

Updated on Monday, July 14, 2025 18:30 PM IST

"ज्ञान स्वयं में शक्ति नहीं है, जब तक कि वह कार्य रूप में परिणत न हो– कौशल वही है" ज्ञान को कार्य रूप में बदलने की क्षमता ही कौशल है। जिसके पास कौशल है, वही श्रेष्ठ और अग्रणी है। दुनिया में काम करने और आगे बढ़ने के असीमित और अपरिमेय अवसर हैं, लेकिन कुशल और पेशेवर लोगों के लिए। जिन हाथों में हुनर है, उन्हें सफलता का अग्रदूत बनने से कोई नहीं रोक सकता। अब वो समय आ गया है कि युद्ध के बल पर नहीं, अपितु कौशल के दम पर दुनिया भर में सिक्का कायम किया जा सकता है। भारत में युवा शक्ति है, और यदि इन्हें उचित प्रशिक्षण, आधुनिक कौशल और अवसर दिए जाएं, तो ये न केवल देश की आवश्यकता पूरी कर सकते हैं, बल्कि दुनिया की मांग को भी पूरा कर सकते हैं। भारत में स्किल की ग्लोबल सप्लाई चेन का नेतृत्वकर्ता बनने की भरपूर क्षमता है।

कौशल के बल पर भारत बनेगा विकास का अग्रदूत

 

विश्व स्तर पर तेजी से बदलते तकनीकी और औद्योगिक परिदृश्य में, कुशल मानव संसाधनों की मांग बढ़ रही है। भारत, जो दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है, वह इन अवसरों का लाभ उठा सकता है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फॉर्म की ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, 2030 तक वैश्विक रोज़गार बाजार में 78 मिलियन नई नौकरियां सृजित होंगी। इनमें डेटा, प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की मांग सबसे अधिक होगी। पर्यावरणीय स्थिरता पर बढ़ते ध्यान के कारण, ग्रीन बिल्डिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, और बैटरी इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ रही है। 2032 तक पर्यावरण इंजीनियरों के लिए रोज़गार में 6% की वृद्धि का अनुमान है। जो देश युवाओं को कौशल प्रदान करेगा, वह इन अवसरों का सबसे बड़ा अधिकारी होगा। वर्क फ़ोर्स में लैंगिक समानता भी लानी होगी। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, कौशल विकास और लैंगिक समानता के लिए विकासशील देशों में 420 अरब डॉलर की वार्षिक वित्तीय आवश्यकता है। हुनर की इस दौड़ में आधी आबादी कहीं पीछे न छूट जाए, इसकी भी हमें चिंता करनी होगी। भारत सरकार ने ड्रोन दीदी जैसे कई प्रोजेक्ट पर काम करके महिलाओं के कौशल विकास हेतु अपने इरादे दर्शाए हैं।

वैश्विक स्तर पर, 40% नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल में बदलाव की उम्मीद है। अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को प्रौद्योगिकी-संचालित नौकरियों में बदलाव के लिए प्रशिक्षण की कमी का सामना करना पड़ता है। भारत में अनौपचारिक क्षेत्र अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है। यहां पेशेवर लोगों और श्रमिकों के कौशल में भी बदलाव की अपेक्षा है। तेजी से बदलते परिवेश में समसामयिक रहने की नितांत आवश्यकता है। अन्यथा अप्रासंगिकता का शिकार होने की आशंका हर समय बनी रहती है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फॉर्म की 2020 की रिपोर्ट में कहा गया था कि 2025 तक आधे से अधिक कर्मचारियों को प्रौद्योगिकी अपनाने के कारण पुनः प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी। भारत में 2026 तक एक मिलियन एआई इंजीनियर की आवश्यकता का अनुमान है। मशीन लर्निंग इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, और डेटा आर्किटेक्ट जैसे क्षेत्रों में मांग-आपूर्ति का अंतर 60-73% है। रि-स्किलिंग से इस खाई को पाटने उम्मीद प्रबल हो जाती है। यह निरंतर सीखने की ओर संकेत करता है।

भारत में 65 फीसदी आबादी 15-59 वर्ष आयु वर्ग में है, इसलिए दुनिया में सृजित हो रहे रोजगार के अवसरों में हिस्सेदारी लेने की क्षमता भी भारत में उसी अनुपात में विकसित होनी चाहिए। इस दिशा में भारत सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। हरियाणा के पलवल जिले में देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना इसका बड़ा उदाहरण है। इसके बाद से देश में तेजी से कौशल विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई। इससे बड़ा स्किल इको सिस्टम और कौशल शिक्षा का मॉडल विकसित हुआ है। कौशल विकास हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की वरीयताओं में शामिल है।

स्किल इंडिया मिशन, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, प्रधानमंत्री कौशल केंद्र, पीएम विश्वकर्मा योजना, अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, कौशल विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। भारत सेमीकंडक्टर मिशन भी एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। 76 हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना से बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हो रहा है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 1.37 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया है। व्हीबॉक्स ईटीएस इंडिया स्किल्स रिपोर्ट-2025 के अनुसार, भारतीय स्नातकों की रोजगार योग्यता 54.81% तक पहुंच चुकी है, जो एक दशक पहले 33% थी। यह वृद्धि कौशल विकास कार्यक्रमों की सफलता को दर्शाती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 'कौशल भारत-कुशल भारत' का नारा इन सब योजनाओं और प्रयासों का लब्बोलुआब है।

भारत में कौशल विकास न केवल व्यक्तिगत प्रगति, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का साधन है। रोजगार से लोगों के जीवन स्तर में तो सुधार आता ही है, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में हर हाथ की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में भी सफलता मिलती है। आत्मनिभर्रता का भाव कौशल और रोजगार से ही सम्भव है। महात्मा गांधी जी का यह कथन आज भी प्रासंगिक है, “सच्ची शिक्षा वह है जो आपको आत्मनिर्भर बनाए।” कौशल विकास के माध्यम से व्यक्ति न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाता है, बल्कि समाज में सम्मान और पहचान भी हासिल करता है। कौशल, रोजगार, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास, एक समृद्ध समाज के लिए नितांत आवश्यक घटक हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 'विश्व युवा कौशल दिवस-2025' का थीम 'शांति और विकास के लिए युवा कौशल' इसी के दृष्टिगत चुना है। यदि युवा शक्ति कौशल को अपने व्यक्तित्व का अलंकार बनाने को प्रतिबद्ध होगी, तो निसंदेह भारत को शांति और विकास का अग्रदूत बनने से कोई नहीं रोक सकता।

 

लेखक : प्रोफेसर दिनेश कुमार
कुलगुरु, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय

Have something to say? Post your comment
दातीजी महाराज...एक ऐसा संत, जिसका जीवन मानव कल्याण, गायों की सेवा, बेटियों की खुशहाली और धर्म की रक्षा को समर्पित

: दातीजी महाराज...एक ऐसा संत, जिसका जीवन मानव कल्याण, गायों की सेवा, बेटियों की खुशहाली और धर्म की रक्षा को समर्पित

श्री श्याम करुणा फाउंडेशन ने अपना 172वां भंडारा आयोजित किया

: श्री श्याम करुणा फाउंडेशन ने अपना 172वां भंडारा आयोजित किया

माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू

: माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू

जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

: जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

जानें  गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

: जानें गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा  करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

: कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

: काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास  है

: रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास है

झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

: झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

X