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जाने क्यों भगवान विष्णु ने देवताओं की माता के गर्भ से जन्म लेने की जताई थी इच्छा, जानिए पौराणिक कथा

Updated on Sunday, February 02, 2025 09:40 AM IST

नई दिल्ली। कम ही लोगों ने देवी अदिति का नाम सुना होगा। उन्हें देवमाता भी कहा जाता है। अदिति का अर्थ है असीम। वेदों में खासकर ऋग्वेद में उनके बारे में अधिक जानकारी मिलती है। वरुण, मित्र, सूर्य, सोम, कामदेव, अग्नि और इंद्र जैसे कई देव उनके गर्भ से ही जन्मे हैं। चलिए उनके बारे में जानते हैं।

कौन हैं देवी अदिति 

ऋषि कश्यप की 17 पत्नियां थी, जिनमें से उनकी पहली पत्नी का नाम अदिति था। वह प्रजापति दक्ष और माता वीरणी की पुत्री थीं। वेदों और पुराणों में उन्हें देवमाता के रूप में वर्णित किया गया है, क्योंकि सभी देवता, जो पृथ्वी के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उन सभी का देवताओं जन्म अदिति (Aditi's significance) के गर्भ से ही हुआ है। उन्हें एक ब्रह्म शक्ति भी माना गया है।

कौन हैं 12 पुत्र

देवी अदिति और ऋषि कश्यप के पुत्रों को आदित्य कहा जाता है। आगे चलकर इनकी संतानों से ही अन्य देवी-देवताओं का जन्म हुआ। उनके 12 पुत्र इस प्रकार हैं -

  • त्रिविक्रम (वामन भगवान)
  • विवस्वान
  • अर्यमा
  • पूषा
  • त्वष्टा
  • सविता
  • भग
  • धाता
  • वरुण
  • मित्र
  • विधाता
  • इंद्र
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