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जाने अघोरी साधु श्मशान में क्यों करते हैं शव साधना? क्या है इसकी वजह

Updated on Sunday, February 09, 2025 11:28 AM IST

नई दिल्ली। सनातन धर्म में अघोरी साधु का विशेष महत्व है। अघोरी भगवान शिव के साधक होते हैं। इस बात का उल्लेख श्वेताश्वतरोपनिषद में किया गया है। इनका जीवन आम व्यक्ति के जीवन से बेहद अलग होता है। अघोरी साधु बाबा भैरवनाथ को अपना आराध्य मानते हैं। अघोरी साधु अपने जीवनकाल के दौरान तंत्र साधना भी अधिक करते हैं। अघोरी साधु को बनने के लिए कई कठिन प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है, जिसके बाद एक पूर्ण अघोरी साधु बनता है।

अगर कोई साधु परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पता है, तो वह अघोरी साधु बनने से रह जाता है। इसी वजह से अघोरी साधु बनने की प्रक्रिया को कठिन माना जाता है। अघोरी साधु श्मशान शव साधना करते हैं। क्या आप जानते हैं कि आखिर किस वजह से श्मशान में बैठकर शव साधना की जाती है? अगर नहीं पता, तो ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि इसकी वजह के बारे में।  

कुछ लोगों का कहना है कि श्मशान में अघोरी साधु काला जादू करते हैं, लेकिन इस बात को सच नहीं कहा जा सकता। अघोरी साधुओं के द्वारा श्मशान में साधना करना अघोरी साधुओं के जीवन का एक हिस्सा है। ऐसा बताया जाता है कि श्मशान भूमि में साधान के दौरान अघोरी साधु अधजले शव का सेवन करते हैं, जिसे साधना का एक हिस्सा माना जाता है।  

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