अमृतसर | शिरोमणी अकाली दल ने आज सरदार सुखबीर सिंह बादल पर हुए जानलेवा हमले को श्री दरबार साहिब पर हमला करार दिया और कांग्रेस पार्टी और उसके वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा पर अपराधी- बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादी नारायण सिंह चैरा को संरक्षण देने और आम आदमी पार्टी पर हमले की अनुमति देने का आरोप लगाया है।
यहां एक प्रेस काफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया नेे कहा कि इस जानलेवा हमले का मकसद पंजाब के उदारवादी अकाली लीडरशीप को खत्म कर साम्प्रदायिक बंटवारा पैदा कर सीमावर्ती राज्य में शांति को बिगाड़ना है। उन्होने कहा, हम इस पूरी घटना की हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करते हैं ताकि इसके पीछे की पूरी साजिश उजागर हो सके।
सरदार मजीठिया ने कहा, सरदार सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलने के बाद भी श्री गुरु रामदास जी की अपार दया ने सरदार सुखबीर सिंह बादल को बचाया तथा सेवा पूरी करने की बख्शीश की। उन्होने कहा, श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा आदेश दी गई ‘सेवा ’ लगातार जारी रहेगी। हम ऐसे कायराना हमलों से नही डरेंगें।
मुख्यमंत्री भगवंत मान पर झूठ बोलने और आरोपियों को पकड़ने का झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाते हुए घटना की हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की
मुख्यमंत्री भगवंत मान पर झूठ बोलने और आरोपियों को पकड़ने का फर्जी श्रेय लेने का आरोप लगाते हुए सरदार मजीठिया ने वीडियो प्रूफ दिखाए, जिसमें दिखाया गया कि राज्य पुलिस घटनास्थल के आसपास कहीं भी नही थी और आतंकवादी को अकाली नेता के पास जाने दिया गया, जबकि पंजाब पुलिस का दावा कर रही है कि हमलावर पर निगरानी रखी जा रही थी। उन्होने कहा, इससे पता चलता है कि यह एक पूर्वनियोजित हमला था और हमलावार आईएसआई और एजेंसियों का प्रायोजित हत्यारा होने के साथ-साथ सुखजिंदर सिंह रंधावा का करीबी सहयोगी भी था। उन्होने सरदार सुखबीर सिंह बादल के निजी सुरक्षाकर्मी जसबीर सिंह का भी आभार व्यक्त करते हुए बताया, जसबीर पिछले बीस सालों से सुखबीर जी की सुरक्षा बंदोबस्त का हिस्सा है और बादल परिवार का हिस्सा है।
ळमलावर नारायाण सिंह चैरा के बारे अन्य जानकारी देते हुए वरिष्ठ अकाली नेता ने कहा, चैरा एक खूंखार आतंकवादी है, जिसके पास से बम, एमपी-5 मशीन गन और एक एके-47 बरामद की गई है। उन्होने बताया कि नारायण , नरेंद्र सिंह चैरा का भाई है। उन्होने कहा कि जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी, तथा रंधावा कांग्रेस सरकार में मंत्री थे, तब नारायण चैरा के खिलाफ दो मामले रदद कर उन्हे 2018 में रिहा कर दिया गया था। उन्होने यह भी उदाहरण दिया कि कैसे रंधावा ने पहले सिख्स फाॅर जस्टिस (एसएफजे) के सहयोगियों को बढ़ावा दिया था।
यह कहते हुए कि भगवंत मान को गृहमंत्री के तौर पर नाकाम रहे हैं, सरदार मजीठिया ने कहा, राज्य के डीजीपी और अमृतसर पुलिस को बहुत जबाव देने हैं। उन्होने कहा कि पुलिस को यह बताना चाहिए कि कैसे एक खूंखार आतंकवादी को दो दिनों तक श्री दरबार साहिब परिसर में घूमने दिया गया और उसे पहले क्यों नही पकड़ा गया। उन्होने कहा, पंजाब पुलिस को यह भी बताना चाहिए कि उन्होने हमलावर को सरदार बादल के पास आने और बिल्कूल नजदीक से गोली चलाने की अनुमति देकर सरदार सुखबीर सिंह बादल की सुरक्षा से समझौता क्यों किया। उन्होने कहा कि इससे पहले सिद्धू मूसेवाला के कत्ल के मामले में पंजाब पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, साथ ही इसके खुफिया मुख्यालय पर हमले और यहां तक पुलिस हिरासत में गैंगस्टर लाॅरेंस बिश्नोई द्वारा दिए गए मीडिया के इंटरव्यू को छिपाने में भी पंजाब पुलिस की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। उन्होने कहा , अब स्थिति ऐसी पैदा हो गई है कि जहां एक ‘गुरु का सिख’ जिसे श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा ‘सेवा’ करने का आदेश दिया गया है, उसे वहां सेवा करने से रोका जा रहा है, यह सवाल पैदा होता है कि पंजाबी कितने सुरक्षित रह सकते हैं?
सरदार मजीठिया ने यह भी स्पष्ट किया कि अपराध करने वाले को सिख नही कहा जा सकता, क्योंकि उसने श्री हरिमंदिर साहिब पर हमला करने का अपराध किया था। उन्होने कहा, ऐसे लोगों को फिर से सिर उठाने की अनुमति देना हमारे बाॅर्डर राज्य के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा।