चण्डीगढ़। दरबार साहिब के बाहर बुधवार की सुबह धार्मिक सजा भुगत रहे अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सुखबीर बादल पर एक व्यक्ति ने गोली चला दी। मौके पर मौजूद सेवादारो ने उसे पकड़ लिया। सुखबीर बादल बाल बाल बचे हैं। दरबार साहिब में गोली चलने के बाद अफरा-तफरी मच गई। अमृतसर में दरबार साहिब की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह की तरफ से 2 दिसंबर को सुखबीर बादल समेत पूर्व अकाली मंत्रियों को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। जिसके चलते बुधवार की सुबह सुखबीर बादल व्हील चेयर पर सेवादार का चोला पहनकर, हाथ मे बरछा लेकर दरबार साहिब के मुख्य दरबार के बाहर दरबान बनकर बैठे थे। इसी दौरान संगत भी दरबार साहिब में आ रही थी। संगत के बीच मे ही दल खालसा के नारायण सिंह चौड़ा भी वहां पहुंचे। उन्होंने मौका देखकर रिवाल्वर निकाली और सुखबीर की तरफ तान दी। इसी दौरान वहां खड़े अन्य सेवादारो ने देख लिया और वह चौड़ा की तरफ लपके। इस हाथापाई में गोली चल गई।
सुखबीर बादल के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया। अमृतसर के एडीसीपी हरपाल सिंह के अनुसार आरोपी दल खालसा से संबंधित बताया जा रहा है। पुलिस को पहले से इस तरह की घटना का अंदेशा था। संदिग्धों की सूची में आरोपी का नाम भी था। आरोपी को पकड़ लिया गया है और पूछताछ जारी है।
इस बीच पूर्व मंत्री एवं अकाली दल प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा- श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश पर एक सेवक की तरह सुखबीर बादल सेवा कर रहे थे। इस दौरान एक व्यक्ति द्वारा उन पर फायरिंग करने की कोशिश की गई। मगर मैं सच्चे पादशाह का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अपने सेवक के सिर पर हाथ रख दिया और वे बच गए। इस घटना ही हम पार्टी की ओर से निंदा करते हैं।
पंजाब में हमारी पार्टी ने बड़ी बड़ी कुर्बानियां दी हैं। आज मैं पंजाब के मुख्यमंत्री से सवाल करना चाहता हूं कि दरबार साहिब के बाहर ऐसे एक सेवक पर हमला होना गलत है। सीएम मान को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। हमलावर को मौके पर पकड़ लिया गया था। सिक्योरिटी वालों का मैं धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने दलेरी के साथ उन्हें बचा लिया।