नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोलन की मेयर उषा शर्मा को शेष कार्यकाल के लिए उनके पद पर बहाल कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया को 'राजनीतिक गुंडागर्दी' का मामला करार दिया है।
अयोग्यता पर पहले ही लगाई गई थी रोक
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 20 अगस्त, 2024 के अपने आदेश को पूर्ण घोषित कर दिया, जिसमें सोलन की मेयर की अयोग्यता पर रोक लगा दी गई थी। उनके निष्कासन को पुरुष पक्षपात का मामला करार दिया गया था। पीठ ने कहा, '20 अगस्त का अंतरिम आदेश पूर्णत: लागू माना जाएगा।
कोर्ट ने दी चेतावनी
आदेश में किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने पर परिणाम भुगतने होंगे।' प्रतिवादियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने जब हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो पीठ ने कहा कि वह फिलहाल आदेश में कोई कड़ी टिप्पणी नहीं करना चाहती, क्योंकि यह 'राजनीतिक गुंडागर्दी' का मामला है।
जबकि उषा शर्मा के वकील ने कहा कि उनका कार्यकाल अगले वर्ष पूरा हो जाएगा और उन्होंने अदालत से पिछले वर्ष के अंतरिम आदेश को निरपेक्ष बनाने का आग्रह किया।