नई दिल्ली, 07 जुलाई। अरावली पर्वत श्रृंखला प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण की संवाहक बनेगी। हरियाली भरी पहाड़ियां लुप्त हो चुके वन्य जीवों के लिए जीवदायिनी साबित होंगी। इसके साथ ही अरावली की गोद में विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी विकसित की जाएगी, जिससे विश्व में हरियाणा को नई पहचान मिलेगी।
अरावली की पहाड़ियों पर 10 हजार एकड़ में जंगल सफारी विकसित की जाएगी, जिससे इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, साथ रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल का जंगल सफारी ड्रीम प्रोजेक्ट है। बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने वर्ष 2022 में जंगल सफारी की परियोजना तैयार की थी। विश्व की सबसे बड़ी जंगल सफारी बनाने के लिए उन्होंने देश के साथ विदेशी जंगल सफारी एवं फोरेस्ट क्षेत्रों का दौरा किया, जहां पर वन्य क्षेत्र को वन्य जीवों को संरक्षित करने के लिए तैयार किया गया है।
हरियाणा की 10 हजार एकड़ में जंगल सफारी का ड्रीम प्रोजेक्ट जमीन पर हो रहा साकार
जंगली सफारी परियोजना को मूर्तरूप देने को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मनोहर लाल ने हरियाणा सीएम के साथ गुजरात के वनतारा जामनगर का किया दौरा
बता दें कि वर्ष 2022 में मनोहर लाल ने तत्कालीन पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ अफ्रीका के सबसे बड़े क्यूरेटेड सफारी पार्क शारजाह का दौरा किया था। हालांकि यह सफारी पार्क दो हजार एकड़ में है।
जंगली सफारी परियोजना को मूर्तरूप के उद्देश्य से अभी हाल ही में हरियाणा के जंगल सफारी को बेहतरीन बनाने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ गुजरात के वनतारा जामनगर का दौरा किया और वहां पर वन्य जीवों की सुरक्षा और प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण को लेकर तैयार की परियोजनाओं का अवलोकन किया।
10 हजार एकड़ में तैयार होगी दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी परियोजना
वन्य जीवों, पक्षियों, प्राकृतिक जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए हरियाणा में जंगल सफारी के लिए 10 हजार एकड़ भूमि चिन्हित की गई है, जिसमें गुरुग्राम में 6000 एकड़ और नूंह में 4000 एकड़ भूमि शामिल है। यही नहीं जंगह सफारी पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। सफारी में विभिन्न प्रकार के पशु, पक्षी और वनस्पतियां होंगी और इसे आधुनिक और टिकाऊ तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया जाएगा।
आधुनिक तकनीक सुविधा से लैस होगी जंगल सफारी
अरावली की गोद में बनने वाली जंगल सफारी आधुनिक तकनीक से युक्त होगी और इसमें ईको-फ्रेंडली टूरिज्म की विशेष व्यवस्था की जाएगी। अरावली की पहाड़ियों में सफारी के विकास से स्थानीय युवाओं को पर्यटन, गाइडिंग, हॉस्पिटैलिटी और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, यह परियोजना क्षेत्रीय जलवायु और पारिस्थितिकी को भी सुदृढ़ करेगी। इस जंगल सफारी पार्क में 10 ज़ोन होंगे, जिसमें एक बड़ा हर्पेटेरियम, एवियरी, बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार जोन, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र, विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स, विजिटर-टूरिज्म जोन, बॉटनिकल गार्डन, बायोमेस, इक्वाटोरियल, ट्रॉपिकल, कोस्टलव डेजर्ट इत्यादि होंगे।
अरावली पर्वत श्रृंखला में हैं पक्षियों की 180 प्रजातियां
अरावली पर्वत श्रृंखला एक सांस्कृतिक धरोहर है जहां पर पक्षियों, वन्य प्राणियों , तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ वर्षो पहले करवाए गए सर्वे के अनुसार अरावली पर्वत श्रृंखला में पक्षियों की 180 प्रजातियां, मैमल्स अर्थात स्तनधारी वन्य जीवों की 15 प्रजातियां, रेप्टाइल्स अर्थात जमीन पर रेंगने वाले और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 प्रजातियां तथा तितलियों की 57 प्रजातियां विद्यमान हैं।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, रोजगार के नए अवसर होंगे सृजित
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल का मानना है कि जंगल सफारी विकसित होने से एक ओर जहां इस पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी। जंगल सफारी योजना के विकसित होने से न केवल राज्य में पर्यटन को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सफारी से आतिथ्य, इको-गाइडिंग और संबद्ध सेवाओं जैसे क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं के लिए महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों से यहां काफी संख्या में लोग पर्यटन के लिए आएंगे जिससे स्थानीय लोगों के लिए बहुत सारे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। आसपास के गांवों में ग्रामीणों को होम स्टे पॉलिसी के तहत लाभ होगा।