चंडीगढ़ । सिंगल सीटर एटीवी (ऑल-टेरेन व्हीकल) की संकल्पना, डिजाइन, मॉडलिंग, विश्लेषण, निर्माण और उसके सत्यापन के लिए इंजीनियरिंग डिजाइन कॉम्पीटीशन बाहा एसएई इंडिया, 2025 के वर्चुअल राउंड की चितकारा यूनिवर्सिटी में 29 नवम्बर से शुरुआत हो गई।
बाहा एसएई इंडिया कार्यक्रम ऑटोमोटिव इंजीनियर्स की पेशेवर सोसायटी एसएई इंडिया का प्रमुख फ्लैगशिप आयोजन है । इस वर्ष 18वें सीजन में 200 प्रतिभागी टीमें भाग ले रही है। प्रतियोगिता का आयोजन तीन चरणों में किया जाएगा जिसमें प्रत्येक चरण पिछले चरण से अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। वर्चुअल राउंड, का आयोजन चितकारा यूनिवर्सिटी में किया जा रहा है जिसमें बिक्री, लागत और डिजाइन मूल्यांकन के साथ सस्टेनिबिलिटी इवेंट और इंजन सिमुलेशन इवेंट शामिल है। इसमें आईपीजी कारमेकर का उपयोग करते हुए वर्चुअल डायनेमिक इवेंट भी शामिल हैं, जो टीमों के मूल्यांकन के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करते हैं।
एक स्मार्ट, सुरक्षित और अधिक सस्टेनेबल भविष्य को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ, बाहा एसएई इंडिया छात्रों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल और विशेषज्ञता से लैस करता है। बाहा एसएई इंडिया के पिछले सीजन 2024 में मोबिलिटी के भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए “एच-बाहा” और “ऐ-बाहा” ने नाम से दो नई केटेगेरीज को इस इवेंट्स में शामिल किया गया था। एच-बाहा केटेगेरी में इस बार 20 टीमें पंजीकृत हुई हैं जो हाइड्रोजन-आधारित गतिशीलता के लिए बढ़ते उत्साह को दर्शाता है जहां पर ऑल-टेरेन व्हीकल एचसीएनजी पर चलेंगी। इसी तरह, ऐ-बाहा जिसमें बिना ड्राइवर के ऑल-टेरेन व्हीकल चलती हैं इसने पिछले साल पांच टीमों के साथ शुरुआत की थी इस बार 20 टीमें इस केटेगेरी में शामिल हुई हैं जो एडीएएस वाले वाहनों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। य़ह उपलब्धि शिक्षा और इंडस्ट्रीज के बीच की खाई को पाटने के लिए बाहा एसएई इंडिया की भूमिका को एक गतिशील मंच के रूप में उजागर करती हैं।
बाहा एसएई इंडिया 2025 के वर्चुअल राउंड की शुरूआत के मौके पर चितकारा यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डॉ. संधीर शर्मा ने यूनिवर्सिटी की अगली पीढी के इजीनियरों को तैयार करने के मिशन के बारे में जानकारी दी।
बाहा एसएई इंडिया की आयोजन समिति के अध्यक्ष, बलराज सुब्रमण्यम ने अगली पीढ़ी के मोबिलिटी इंजीनियरों को आकार देने में बाहा एसएई इंडिया द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि बाहा एसएई इंडिया शुरुआत से ही इनोवेशन और लर्निंग के प्रकाश स्तंभ का प्रतीक रहा है। असाधारण भागीदारी के कारण यह आयोजन साल दर साल आगे बढ़ता जा रहा है।
इस मौके पर चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डॉ. मधु चितकारा, ने कहा कि चितकारा यूनिवर्सिटी और बाहा एसएई इंडिया ने 2015 से एक गहन और फलदायी साझेदारी की जिसमें हमें पहले फिजिकल राउंड की मेजबानी और पिछले कुछ वर्षों में वर्चुअल राउंड की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है। यह शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने में हमारी आपसी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। बाहा एसएई इंडिया के साथ मिलकर हम भारत के ऑटोमोटिव परिदृश्य के भविष्य को आकार देने के लिए रचनात्मकता, सस्टेनेबिलिटी और एक्सीलेंस के साथ आगे की सोच वाली इंजीनियरिंग को आगे बढ़ा रहे हैं, यह यात्रा इसमें शामिल सभी लोगों की कड़ी मेहनत, दूरदर्शिता और समर्पण का प्रमाण है।