चंडीगढ़। सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज के पोस्ट ग्रेजुएट कामर्स एंड मैनेजमेंट विभाग की ओर से पीएम-उषा योजना के तहत "छात्रों की बदलती प्रोफ़ाइल और परिणामों के साथ उद्योग-अकादमिक अपेक्षाओं का मानचित्रण" विषय पर एक्सपर्ट लेक्चर का आयोजन किया गया। आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल, मुंबई की कैंपस हेड और सीनियर डॉयरेक्टर डॉ. प्रीत सक्सेना ने व्याख्यान दिया। उद्योग-अकादमिक सहयोग की गहरी समझ रखने वालीं प्रतिष्ठित एकेडमिक लीडर डॉ. सक्सेना ने कार्यक्रम के दौरान अमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। डॉ. सक्सेना ने छात्रों के बदलते स्वरूप का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने आज के शैक्षणिक परिदृश्य को आकार देने वाली जनसांख्यिकी, सीखने की प्राथमिकताओं और करियर आकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया।
डॉ. प्रीत सक्सेना ने छात्रों के बदलते स्वरूप का विस्तृत अवलोकन किया प्रस्तुत
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक छात्र विविधतापूर्ण, तकनीकी रूप से कुशल और वास्तविक दुनिया के परिणामों से अत्यधिक प्रेरित होते हैं। डॉ. सक्सेना ने संस्थानों के लिए इन विशेषताओं को शामिल करने के लिए अपने शैक्षिक दृष्टिकोण को अनुकूलित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिससे छात्रों को सार्थक व्यावसायिक योगदान के लिए तैयार किया जा सके। डॉ. सक्सेना ने उद्योग जगत की अपेक्षाओं के साथ शिक्षा जगत को संरेखित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है कि स्नातकों के पास वे कौशल, योग्यताएं और पेशेवर मानसिकता हो, जिनकी आधुनिक नियोक्ता तलाश करते हैं।
उन्होंने परिणाम-आधारित शिक्षा को बढ़ाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के लिए कार्यान्वयन योग्य रणनीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा पाठ्यक्रम के मुख्य घटकों के रूप में कौशल निर्माण और अनुभवात्मक शिक्षा के महत्व पर बल दिया। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने डॉ. सक्सेना के विचारों के लिए उनका आभार व्यक्त किया तथा आज के तेजी से बदलते शैक्षणिक और व्यावसायिक परिदृश्य में उनके व्याख्यान की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों के परिणामों को बेहतर बनाने तथा उद्योग जगत की मांगों के लिए तैयारी बढ़ाने के लिए ऐसे मूल्यवान दृष्टिकोणों को एकीकृत करने के प्रति कॉलेज की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
कॉलेज के पोस्ट ग्रेजुएट कामर्स एंड मैनेजमेंट विभाग के हेड डॉ. राजीव बहल ने इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम के आयोजन के लिए टीम की सराहना की। इस कार्यक्रम की समन्वयक व डीन कॉमर्स डॉ. मेरु सहगल ने व्याख्यान की प्रशंसा की तथा कहा कि यह समावेशी और प्रगतिशील शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के कॉलेज के मिशन के साथ संरेखित है। डॉ. सहगल ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के सत्र संस्थान के अधिक संवेदनशील और अच्छी तरह से तैयार छात्र समुदाय के निर्माण के प्रयासों का समर्थन करते हैं। सत्र का समापन प्रश्नोत्तर के साथ हुआ, जहां छात्रों और शिक्षकों ने उद्योग और शिक्षा जगत के बीच के अंतर को कम करने के लिए व्यावहारिक कदमों पर सक्रिय रूप से चर्चा की। इस कार्यक्रम ने कॉलेज के शैक्षणिक-उद्योग सहयोग को बढ़ावा देने और छात्रों को उभरती हुई व्यावसायिक दुनिया के लिए तैयार करने के प्रति समर्पण को रेखांकित किया।