चंडीगढ़। कुरुक्षेत्र की रणभूमि की लाडवा विधानसभा से मुख्यमंत्री नायब सैनी चुनावी मैदान में उतरेंगे। इसके साथ नायब सरकार के सात मंत्री फिर से चुनावी दंगल में जोरअजमाईश करेंगे, वहीं दो विधायकों की सीटें बदली गई हैं। भाजपा की पहली सूची में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, खेल राज्यमंत्री संजय सिंह और सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता राज्यमंत्री बिशंभर वाल्मीकि का टिकट काट दिया गया है।
रणजीत चौटाला, बिशंभर और संजय सिंह की टिकट कटी, यौन उत्पीड़न के आरोपी संदीप सिंह से भी पार्टी ने मुँह मोड़ा
यौन उत्पीड़न के आरोपी संदीप सिंह से भी पार्टी ने मुँह मोड़ लिया है। पूर्व सीएम मनोहर लाल भले ही उन्हें बचाते रहे हो लेकिन भाजपा ने टिकट काट दिया है। भाजपा की ओर से पहली सूची में 67 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। भाजपा ने बाहरी दलों से आए नेताओं पर भी भरोसा जताया है। यही नहीं पंचकूला से विधायक एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता अपनी सीट बचाने में कामयाब हो गए हैं। अंबाला शहर से परिवहन राज्यमंत्री असीम गोयल भी हलका बदले जाने की लटकी तलवार हट गई है।
बाहरी दलों से आए हुए नेताओं पर भी भाजपा ने जताया भरोसा
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की पंचकूला सीट पर संकट मंडराया हुआ था। ज्ञानचंद गुप्ता ने पंचकूला सीट को बचाने के लिए दिल्ली दरबार तक भागदौड़ की और आखिरकार उनकी दौड़ सफल भी हुई और उन्हें फिर से पंचकूला से प्रत्याशी घोषित किया गया। इसके साथ ही अंबाला शहर से विधायक एवं परिवहन राज्यमंत्री असीम गोयल पर हलका बदलने की लटकी तलवार भी हट गई।
रणजीत, संजय और बिशंभर को मिला झटका
भाजपा की पहली सूची में तीन मंत्रियों को झटका मिला है। इनमें तल्ख तेवर दिखा रहे बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का टिकट काट दिया गया है। वहीं सोहना से खेल राज्यमंत्री संजय सिंह का भी पता काटा गया है, उनकी जगह तेजपाल तंवर को प्रत्याशी बनाया गया है। बवानी खेड़ा से विधायक एवं राज्यमंत्री बिशंभर वाल्मीकि को भी भाजपा ने झटका दिया है।
बाहरियों पर भी भाजपा ने जताया भरोसा
भाजपा ने उम्मीदवारों के चयन में बाहरियों पर भी भरोसा जताया है। इनमें जजपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तीन पूर्व विधायकों को टिकट दिया गया है। इनेलो छोड़कर आए पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा फिर से रादौर से ताल ठोकेंगे। कांग्रेस छोड़कर आई कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष श्रुति चौधरी को तोशाम से चुनावी मैदान में उतारा गया है। जजपा छोड़कर आए संजय कबलाना को बेरी से उम्मीदवार बनाया है तो पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को टोहाना, सफीदों से रामकुमार गौतम और उकलाना से पूर्व मंत्री अनूप धानक को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं जेल अधीक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए सुनील सांगवान पर भाजपा ने दादरी से भरोसा जताया है। सुनील सांगवान के दादरी से चुनाव मैदान में उतरने से बबीता फौगाट को झटका मिला है।
एक राज्यसभा सांसद और दो पूर्व सांसद भी चुनाव मैदान में
भाजपा ने पहली सूची में एक राज्यसभा सांसद सहित दो पूर्व सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को इसराना से तो सिरसा से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को रतिया और रोहतक से पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को गोहाना से प्रत्याशी घोषित किया गया है।
अब करनाल नहीं होगा सीएम सिटी
वर्ष 2014 से लेकर 2024 तक करनाल सीएम सिटी रहा। मगर अब मुख्यमंत्री नायब सैनी करनाल विस क्षेत्र छोड़कर लाडवा से चुनावी रण में उतरेंगे। ऐसे में करनाल से सीएम सिटी का ताज छीन सकता है। अहम पहलू यह भी है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को अपनी बेटी को राजनीति में उतारने को भी सफलता मिली है। आरती राव को अटेली से प्रत्याशी बनाया गया है। इसके साथ ही कोसली से विधायक लक्ष्मण यादव की सीट में बदलाव किया गया है, वे अब रेवाड़ी से चुनाव मैदान में होंगे। नलवा से विधायक और डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा भी बरवाला से चुनावी ताल ठोकेंगे।