चंडीगढ़ | कैबिनेट मंत्री श्री महिपाल ढांडा ने बताया कि महम के गांव समैण में सिंचाई मुख्य रूप से महम माइनर से होती है। मानसून 2024 के दौरान, गांव में लगभग 45 एकड़ भूमि जलमग्न हो गई थी। इस समस्या के समाधान के लिए 2 इलेक्ट्रिक पंप सेट और 2 डीजल पंप सेट का उपयोग करके जल निकासी सैमाण पंप हाउस लिंक ड्रेन में की गई। जबकि निंदाना गांव की सिंचाई बैंसी माइनर, भिवानी सब-ब्रांच और महम माइनर से होती है। स्थायी जल निकासी के लिए भूमिगत आरसीसी पाइपलाइन बिछाकर लगभग 73 एकड़ क्षेत्र से महम ड्रेन में निकाला गया। गिरावड़ गांव की सिंचाई प्रणाली मुख्य रूप से भिवानी सब-ब्रांच और नई निंदाना माइनर द्वारा की जाती है। स्थायी जल निकासी समाधान के रूप में पाइपलाइन बिछाने का काम मानसून 2024 से पहले 16.69 लाख रुपये की लागत से पूरा किया गया। मानसून 2024 के दौरान, लगभग 50 एकड़ क्षेत्र जलमग्न हो गया था, जिसे उपरोक्त योजना के माध्यम से लाखन माजरा लिंक ड्रेन में निकाला गया।
सदन में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि महम के लाखन माजरा गांव की सिंचाई मुख्य रूप से लाखन माजरा माइनर और भिवानी सब-ब्रांच से होती है। स्थायी जल निकासी समाधान के रूप में मानसून 2024 से पहले 45.73 लाख रुपये की लागत से पाइपलाइन बिछाने का काम किया गया जिससे करीब 20 एकड़ क्षेत्र का जल उपरोक्त योजना के माध्यम से लाखन माजरा लिंक ड्रेन में निकाला गया। वहीं मदीना गांव की सिंचाई भिवानी सब-ब्रांच और नई निंदाना माइनर से होती है। यह गांव नई निंदाना माइनर के अंतिम छोर पर स्थित है। स्थायी जल निकासी समाधान के रूप में पाइपलाइन बिछाने की 8 योजनाएं मानसून 2024 से पहले 167.55 लाख रुपये की लागत से पूरी की गईं। मानसून 2024 के दौरान लगभग 50 एकड़ क्षेत्र जलमग्न हो गया था, जिसे उपरोक्त योजनाओं के माध्यम से मदीना लिंक ड्रेन और लाखन माजरा लिंक ड्रेन में निकाला गया। वहीं खरैंटी गांव की सिंचाई की आवश्यकताएं भिवानी सब-ब्रांच, काहनौर डिस्ट्रीब्यूटरी और नई निंदाना माइनर के माध्यम से पूरी होती हैं। स्थायी जल निकासी के लिए मानसून से पहले पाइपलाइन बिछाकर लाखन माजरा लिंक ड्रेन में पानी निकाला गया।
मानसून 2024 के दौरान, महम विधानसभा क्षेत्र के गांवों में 1400 एकड़ जलमग्न क्षेत्र को निकालने के लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे में जल निकासी पाइपलाइन बिछाने के साथ 39 इलेक्ट्रिक पंप/डीजल पंप/वीटी सेट लगाए गए हैं। उपरोक्त योजनाओं के अतिरिक्त स्थायी समाधान के संबंध में 10 गांवों को कवर करते हुए 900.09 लाख रुपये की 17 स्थायी योजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं, जिससे महम विधानसभा क्षेत्र के खेतों से बाढ़ के पानी की समय पर निकासी हो रही है।