वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को यूक्रेन के लिए अमेरिकी सुरक्षा गारंटी या नाटो सदस्यता की पेशकश से इनकार कर दिया। ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही अमेरिकी नीति को उलट दिया है, उन्होंने यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने की कसम खाई है और कहा कि यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेंगे।
ट्रंप बोले- राष्ट्रपति जेलेंस्की शुक्रवार को वाशिंगटन आ रहे हैं
एक कैबिनेट बैठक में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति जेलेंस्की शुक्रवार को वाशिंगटन आ रहे हैं। अगर वह चाहेंगे तो हमारे बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। ट्रंप ने कहा कि यह हजारों अरब डॉलर का बड़ा समझौता हो सकता है। इसमें दुर्लभ खनिज और अन्य वस्तुएं शामिल होंगी।
यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का सपना छोड़ देना चाहिए- ट्रंप
आगे राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि मैं बहुत अधिक सुरक्षा की गारंटी नहीं देने जा रहा हूं। हम यूरोप को ऐसा करने देंगे। यूरोप उनका अगला पड़ोसी है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सब कुछ ठीक रहे। आगे ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का सपना छोड़ देना चाहिए। मुझे लगता है कि शायद यही कारण है कि पूरी चीज शुरू हुई।
अमेरिका और यूक्रेन आर्थिक समझौते के लिए तैयार
ट्रंप युद्ध की बात कर रहे थे। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने किसी ठोस समय सीमा की पेशकश किए बिना नाटो में यूक्रेन की अंतिम सदस्यता का समर्थन किया था। यूक्रेन और अमेरिका बड़े आर्थिक समझौते के लिए तैयार हो गए हैं। इसी के अंतर्गत यूक्रेन दुर्लभ खनिज अमेरिका को देगा और अमेरिका बदले में उसके विकास व पुनर्निर्माण में मदद देगा। यह बात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कही है। लेकिन इस समझौते में यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने का बिंदु नदारद है।
अमेरिका यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी नहीं देगा- ट्रंप
जेलेंस्की की मांग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अमेरिका यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी नहीं देगा, यह कार्य यूरोप करे। इस समझौते से यूक्रेनी सेना को अमेरिका से जरूरी सैन्य साजोसामान मिलने का रास्ता सुगम हो जाएगा जिसकी कि उसे युद्ध के दौरान बेहद जरूरत है।
रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के लिए अमेरिकी सहायता जरूरी है। दोनों देशों के बीच यह आर्थिक समझौता शुक्रवार को वाशिंगटन में हो सकता है। इसके लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की वाशिंगटन जाएंगे और वहां पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में जेलेंस्की को यूक्रेन की सैन्य आवश्यकताओं के बारे में भी ट्रंप से बात करने का मौका मिलेगा।
यूक्रेन में उपलब्ध दुर्लभ खनिजों को लेकर होगा समझौता
सूत्रों के अनुसार यूक्रेन में उपलब्ध दुर्लभ खनिजों, तेल और गैस के लिए संयुक्त निधि बनाने का समझौता हो सकता है। इसमें यूक्रेन की भागीदारी कच्चे माल की होगी जबकि अमेरिका धन और तकनीक का निवेश करेगा। इससे दोनों देशों को लाभ होगा। दुर्लभ खनिजों को लेकर अमेरिका के साथ समझौते को जेलेंस्की बड़ी मुश्किल से तैयार हुए हैं।
अमेरिकी दूत कीथ केलोग ने जेलेंस्की से बात की
पहले म्यूनिख में अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें समझाया, इसके बाद कीव आए अमेरिकी दूत कीथ केलोग ने जेलेंस्की से बात की। यूक्रेन के सबसे करीबी देश पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा ने भी जेलेंस्की को अमेरिका के साथ समझौते की सलाह दी। इसी के बाद जेलेंस्की को अमेरिका के साथ समझौते का रास्ता ही समझ आया।
उन्होंने यूक्रेन के लिए नाटो की सदस्यता या सुरक्षा की गारंटी की मांग की लेकिन अमेरिका ने दोनों ही मांगों को खारिज कर दिया। अब यूक्रेन केवल आर्थिक समझौते के जरिये ही अमेरिका से रिश्तों की बेहतरी की संभावना देख रहा है।
रूस-यूक्रेन में ड्रोन हमले जारी
युद्धविराम की चर्चा के बीच मंगलवार-बुधवार की रात रूस ने यूक्रेन पर ड्रोन हमले किए। ताजा हमले में राजधानी कीव इलाके को निशाना बनाया गया और वहां के बिजली संयंत्रों को नुकसान पहुंचाया गया। यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि उसने रूस के छोड़े 177 ड्रोनों में से 110 को मार गिराया है। बाकी में ज्यादातर का नियंत्रण विफल कर दिया गया।
यूक्रेन के 83 ड्रोन मार गिराए
जबकि यूक्रेन ने कहा है कि उसने काला सागर के तट पर तुआप्से में बने रूस के तेलशोधक कारखाने को ड्रोन हमले में निशाना बनाया है। हमले के बाद विस्फोटों की 40 आवाजें सुनी गईं। जबकि रूसी सेना ने दावा किया है कि उसने यूक्रेन के 83 ड्रोन मार गिराए। यूक्रेनी हमला विफल रहा।