चंडीगढ़ | मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर नशों के खिलाफ छेड़ी गई जंग के दौरान, पंजाब पुलिस की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने ड्रग इंस्पेक्टर शिशान मित्तल को अवैध दवाइयों, मेडिकल स्टोरों से जुड़ी नशा तस्करी की गतिविधियों में मदद करने और मनी लॉन्ड्रिंग की राशि को अपने रिश्तेदारों के नाम पर बेनामी खातों में रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह जानकारी आज यहां पुलिस महानिदेशक पंजाब गौरव यादव ने दी।
पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए वचनबद्ध
यह सफलता पंजाब पुलिस द्वारा आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर से संबंधित 24 बैंक खातों - जिनमें कुल राशि 7.09 करोड़ रुपये है - को फ्रीज करने और पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में विभिन्न स्थानों पर मारे गए छापों के दौरान भारी मात्रा में नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त करने के लगभग एक महीने बाद हासिल हुई है। इसके अलावा आरोपी के दो बैंक लॉकर भी जब्त किए गए हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि तकनीकी निगरानी और मानव खुफिया जानकारी की जांच केआधार पर, विशेष डीजीपी कुलदीप सिंह की अगुवाई वाली ए.एन.टी.एफ. की पुलिस टीमों ने एयरोसिटी, एसएएस नगर से ड्रग इंस्पेक्टर शिशान मित्तल को काबू किया है।
गिरफ्तार ड्रग इंस्पेक्टर जेल में बंद नशा तस्करों के बाहर से उनके ड्रग नेटवर्क को चलाने में करता था मदद: डीजीपी गौरव यादव
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर जेल में बंद नशा तस्करों के लगातार संपर्क में था और बाहर से उनके नशा तस्करी नेटवर्क को चलाने में सहायता कर रहा था। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर बिना सरकारी अनुमति लिए या एक्स-इंडिया लीव लिए अक्सर विदेश यात्रा करता रहता था।
डीजीपी ने कहा कि ए.एन.टी.एफ. द्वारा किया गया यह सफल ऑपरेशन जटिल आपराधिक नेटवर्क से निपटने के लिए इसकी रणनीतिक पहुंच को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है।
गौरतलब है कि मित्तल की अग्रिम जमानत याचिका को हाल ही में सत्र अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया था, जिससे उसके खिलाफ आरोपों की गंभीरता और स्पष्ट हो गई। और विवरण साझा करते हुए विशेष डीजीपी कुलदीप सिंह ने बताया कि ए.एन.टी.एफ. ने आरोपी से 1.49 करोड़ रुपये नकद, 260 ग्राम सोना और 515 दिरहाम बरामद किए हैं। उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा, अवैध रूप से बनाई गई संपत्तियों की भी पहचान की गई है, जिसमें ज़ीरकपुर में 2 करोड़ रुपये का फ्लैट, डबवाली में 40 लाख रुपये का प्लॉट और अन्य संपत्तियां शामिल हैं।
इस संबंध में एफआईआर नं. 121/2024 के तहत एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 और 59 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 111 के तहत पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है।