चंडीगढ़ । 19 अगस्त 2024 को गायत्री जयंती है। सावन मास की पूर्णिमा के दिन वेदों की रक्षा करने वाले हयग्रीव भगवान की जयंती के साथ ही वेदमाता गायत्री की जयंती भी मनाई जाती है। इसी दिन नारली पूर्णिमा और रक्षाबंधन भी रहता है और इसी दिन श्रावणी उपाकर्म भी किया जाता है। दक्षिण भारत में श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि पर और मत भिन्नता के कारण गायत्री जयंती ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भी मनाई जाती है। अधिकांशतः गंगा दशहरा के अगले दिन मनाते हैं।
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ : 19 अगस्त 2024 को प्रातः 03:04 बजे से। पूर्णिमा तिथि समाप्त- 19 अगस्त 2024 को रात्रि 11:5 बजे तक।
गायत्री जयंती पूजा विधि
- गायत्री जयंती के दिन प्रातः नित्यकर्म से निवृत्त होकर माता गायत्री की मूर्ति या तस्वीर को पाटे पर पीले वस्त्र बिछाकर विराजमान करें।
- फिर गंगाजल छिड़कर स्थान को पवित्र करें और सभी देवी और देवताओं का अभिषेक करें।
- इसके बाद घी का दीपक प्रज्वलित करें और धूपबत्ती लगाएं।
- अब माता की पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा करें। पंचोपचार यानी पांच तरह की पूजन सामग्री से पूजा करने और षोडशोपचार यानी 16 तरह की सामग्री से पूजा करने। इसमें गंध, पुष्प, हल्दी, कुंकू, माला, नैवेद्य आदि अर्पित करते हैं।
- फिर गायत्री मंत्र का 108 बार जप करें। और इसके बाद माता की आरती उतारें।
- गायत्री माता की आरती के बाद प्रसाद बाटें।