चंडीगढ़। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से पीएचडी हाउस, चंडीगढ़ में राष्ट्रीय आईपी आउटरीच मिशन के तहत एक दिवसीय आईपी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बौद्धिक संपदा (आईपी) संरक्षण और विशेष रूप से एमएसएमई,स्टार्टअप और महिला उद्यमियों के लिए व्यापार वृद्धि में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। कार्यशाला में ट्राईसिटी के सौ से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया।
पीएचडीसीसीआई की क्षेत्रीय निदेशक भारती सूद ने नवाचार को बढ़ावा देने और व्यावसायिक सफलता हासिल करने में आईपी के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया। एमएसएमई मंत्रालय के अतिरिक्त विकास आयुक्त संजीव चावला ने आईपी संरक्षण के लिए उपलब्ध सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए एक व्यावसायिक संपत्ति के रूप में आईपी की जरूरत के बारे में बताया।
कार्यक्रम में पीएचडीसीसीआई शी-फोरम की अध्यक्ष पूजा नायर ने बौद्धिक संपदा अधिनियमों और कानूनों का अवलोकन प्रदान किया। इंटीग्रम आईपी की संस्थापक डॉ.श्वेता सेन थलवाल ने आईपी दाखिल करने और पंजीकृत करने के बारे में बताया। सीजीसी शोध व नवाचार प्रभाग के इनक्यूबेटर और स्टार्टअप के सीईओ डॉ. अति प्रिये द्वारा स्टार्टअप और आईपी सुरक्षा पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया।
पीएचडी हाउस में प्रतिस्पर्धा कानून व बौद्धिक संपदा जागरूकता कार्यशाला आयोजित , ट्राईसिटी के सौ से अधिक उद्यमियों ने लिया भाग
इसी दौरान कंपीटीशन कमिशन ऑफ इंडिया के सहयोग से पीएचडीसीसीआई के पंजाब चेप्टर व शी फोरम द्वारा प्रतिस्पर्धा कानून पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। सीसीआई की अध्यक्ष रवनीत कौर ने अपने मुख्य भाषण में प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोकने और बाजार में निष्पक्षता सुनिश्चित करने में प्रतिस्पर्धा कानून की भूमिका पर प्रकाश डाला। सीसीआई के सदस्य दीपक अनुराग और सीसीआई की सलाहकार (आर्थिक) श्रीमती ज्योति जिंदगर भनोट के नेतृत्व में आयोजित तकनीकी सत्रों में उद्यमियों को कई अहम जानकारियां दी गई।