बेंगलुरु। एयरो इंडिया 2025 के आखिरी दिन शुक्रवार को बेंगलुरु के येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर शानदार एयर शो हुआ। यहां रूसी और अमेरिकी लड़ाकू विमानों को एक ही स्थान पर दिखाया गया। विमानों की रफ्तार से बेंगलुरु का आसमान गरज उठा। एयर शो देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ भी जमा हुई थी। वायु सेना स्टेशन येलहंका पर खास बात यह हुई 60 वर्षीय अनुभवी रूसी परीक्षण पायलट सर्गेई बोगदान ने Su-57 को उड़ाया।
अपनी प्रतिभा को दिखाते हुए रूसी परीक्षण पायलट सर्गेई बोगदान ने आसमान में पांच टन वजनी फाइटर जेट Sukhoi 57 को नचा दिया। बोगदान ने दिल को थाम देने वाला करतब दिया जब उन्होंने विमान को 600 मीटर पर घुमाया।
भारत अपने लगभग 60 फीसदी रक्षा उपकरणों के लिए रूस पर निर्भर है, लेकिन यूक्रेन में युद्ध ने भविष्य की आपूर्ति के बारे में संदेह बढ़ा दिया है, और अब भारत सरकार अमेरिका, इजरायल, ब्रिटेन और अन्य की ओर अधिक ध्यान दे रही है।
रूसी Su-57 फेलॉन और अमेरिकी निर्मित लॉकहीड मार्टिन F-35 - दोनों प्रतिद्वंद्वी देशों द्वारा बनाए गए उन्नत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों ने बेंगुलुरु के येलहंका स्टेशन से उड़ान भरी और एयरो इंडिया 2025 अंतरराष्ट्रीय एयरशो में दोनों की भागीदारी ऐसे समय में हुई है जब भारत अपनी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू अंतर को पाटने की कोशिश कर रहा है। बड़ी संख्या में लोग एयर शो को देखने आए और अपने कैमरों में विमानों के करतबों को कैद किया। लोग करतबों को देखकर ताली बजाते नजर आए।