चंडीगढ़ । तकनीकी शिक्षा के माध्यम से युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल से सशक्त बनाने तथा पंजाब में 10,000 नौकरियां पैदा करने के उद्देश्य से हुई ऐतिहासिक पहल में, पंजाब में पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) का कायाकल्प होगा और ये संस्थान सालाना 5000 से अधिक युवाओं को नौकरियां प्रदान करेंगे।
इसके अतिरिक्त डॉ. साहनी अमृतसर के पहले से मौजूद बहु कौशल विकास केंद्र के साथ-साथ पटियाला, जालंधर और लुधियाना में 3 नए विश्व स्तरीय कौशल केंद्र भी स्थापित कर रहे हैं, जहां सालाना 5000 से अधिक युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण और नौकरियां मिलेंगी। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस की गरिमामयी उपस्थिति में पंजाब सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग और राज्यसभा सांसद पद्मश्री डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू के अनुसार डॉ. साहनी पांच आईटीआई के उन्नयन के लिए 10 करोड़ रुपये का योगदान देंगे, आईटीआई लुधियाना 2 करोड़, आईटीआई पटियाला 3 करोड़, आईटीआई मोहाली- 1.5 करोड़, आईटीआई सुनाम- 1.66 करोड़ और आईटीआई लालरू- 2 करोड़।
डॉ. साहनी ने कहा कि इस पहल के माध्यम से उनका लक्ष्य अत्याधुनिक तकनीक और बुनियादी ढांचे को पेश करके इन संस्थानों को उत्कृष्टता के कौशल केंद्रों में बदलना है। उन्नयन में सीएनसी टर्नर, रोबोटिक वेल्डर, 3डी प्रिंटर जैसी आधुनिक मशीनरी की स्थापना, कौशल विकास प्रयोगशालाओं की स्थापना और भवनों का नवीनीकरण शामिल है। इसके अतिरिक्त, इन केंद्रों को स्थानीय उद्योगों से जोड़ा जाएगा, जिससे आईटीआई छात्रों के लिए प्लेसमेंट और अप्रेंटिसशिप के लिए एक मजबूत उद्योग-कनेक्ट सुनिश्चित होगा।
डॉ. साहनी ने यह भी कहा कि ये आईटीआई हर साल पंजाब के युवाओं को 5000 नौकरियां प्रदान करेंगे, वे इन सभी पांच आईटीआई के पास स्थानीय उद्योगों के साथ निरंतर संपर्क में हैं और संस्थान प्रबंधन समितियों की मदद से आईटीआई छात्रों के लिए प्लेसमेंट और अप्रेंटिसशिप के लिए एक मजबूत औद्योगिक संपर्क होगा।
डॉ साहनी ने कहा कि वे इन आईटीआई को उत्कृष्टता केंद्रों में अपग्रेड करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो न केवल शीर्ष स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करेंगे बल्कि कुशल युवाओं और उनकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले उद्योगों के बीच एक सेतु का काम भी करेंगे।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी द्वारा शुरू की गई यह पहल हमारे आईटीआई को कौशल विकास के आधुनिक केंद्रों में बदलने की दिशा में एक उल्लेखनीय योगदान है। अत्याधुनिक तकनीक और उद्योग संबंधों को पेश करके, ये उत्कृष्टता केंद्र न केवल हमारे युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाएंगे बल्कि स्थानीय उद्योग में कौशल अंतर को पाटने में भी मदद करेंगे, इससे पंजाब में रोजगार और विकास के नए रास्ते खुलेंगे।