Thursday, 27 March 2025
BREAKING
रोटरी ने डॉन बॉस्को छात्रों के लिए वाइल्डलाइफ एजुकेशनल ट्रिप आयोजित किया युवा फोटोग्राफरों की चमक ईक्षण में कला, संस्कृति और फोटोग्राफी का उत्सव जल स्रोत प्रबंधन के लिए क्रांतिकारी साबित होगा बजट: बरिंदर कुमार गोयल पंजाब को तरक्की की राह पर ले जाएगा स. भगवंत सिंह मान सरकार का बजट: हरभजन सिंह, ई.टी.ओ. मिर्गी से जुड़े मिथकों को मिटाना बेहतर भविष्य के लिए मिर्गी से संबंधित जागरूकता बढ़ाना फिनवेसिया ने भारत के पहले एआई-संचालित वित्तीय सुपरऐप ‘जम्प’ के साथ पंजाब पर बड़ा दांव लगाया पंजाब बजट 2025-2026 राज्य के सर्वांगीण विकास में और तेजी लाएगा: लालजीत सिंह भुल्लर वित्त मंत्री ने बदलते पंजाब के लिए सर्वपक्षीय विकास वाला बजट पेश कियाः तरुनप्रीत सिंह सौंद नए बजट से प्रदेश के शहरों का होगा कायाकल्प, शहरी निवासियों को मिलेंगी विश्वस्तरीय सुविधाएं: मुंडिया समाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने पंजाब बजट 2025-26 की सराहना की

धर्म कर्म

जानें नवरात्रि में नौ दिनों तक होगी माता के इन स्वरूपों की पूजा

Updated on Sunday, September 29, 2024 07:16 AM IST

चंडीगढ़। शारदीय नवरात्रि में जगत जननी मां भगवती का पूजन किया जाता है। ssऐसे में वर्ष में चार नवरात्रि मनाया जाता है दो गुप्त नवरात्रि और दो सार्वजानिक तौर पर किया जाता है। पहला चैत्र माह में बसंत नवरात्रि में किया जाता है,दूसरा आषाढ माह में गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है तीसरा शारदीय नवरात्रि जो आश्विन मास में मनाया जाता है।चौथा माघ माह में मनाया जाता है जिसे गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है इन चारो नवरात्री का अलग अलग महत्व है लेकिन शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्लपक्ष के एकम प्रतिपदा तिथि से आरम्भ होता है और पूरे नव दिन तक चलता है। नवरात्रि मानसिक शारारिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।

नवरात्रि पूजा से वातावरण होता है शुभ

नवरात्रि व्रत का मूल उद्देश्य होता है इन्द्रियों का संयम और अध्यात्मिक शक्ति का संचय अतः यह भी कह सकते है नवरात्रि में पूजन करने से वातावरण भी शुद्ध हो जाता है।नवरात्रि का पर्व करने वाले को अपने अन्दर की उर्जा का जागृत करना नवरात्रि पर्व का मुख्य उद्देश्य होता है। इस समय प्रकृति में अलग से एक उर्जा का निर्माण होता है इस व्रत में कुछ ऐसी चीजों को परहेज करते है कुछ को नया तरीके से अपनाते भी है। इस समय वर्षा ऋतु के समाप्त तथा शरद ऋतू के आरंभ होता है जो प्राकृतिक में भी बदलाव दिखाई देता है।

मां के इन नौ रूपों की होती है पूजा

नवरात्रि के आरंभ होते ही सभी घरों में में दुर्गा पाठ आरम्भ हो जाता है।माता के अलग अलग रूप का पूजन किया जाता है।पहला दिन शैलपुत्री।दूसरा दिन ब्रह्मांचारणी, तीसरा दिन चंद्रघंटा ,चौथा दिन कुष्मांडा, पांचवा दिन स्कंदमाता, छठा दिन कत्यानी ,सातवा दिन कालरात्रि, आठवा दिन महागौरी, नवा दिन सिद्धिदात्री माता का पूजन किया जाता है, मां दुर्गा के साथ भगवन राम का पूजन विशेष तौर पर किया जाता है।

असत्य पर सत्य की जीत

मान्यता यह है भगवान श्री राम ने रावण से युद्ध में जाने से पहले मां भगवती का पूजन करके युद्ध में गए थे क्योंकि रावण और राम में युद्ध हुआ था जिसमे राम की जीत हुई थी। असत्य पर सत्य की जीत हुआ है।इस के दिन घर पर आम के पते का तोरण लगाने से परिवारिक शान्ति बनी रहती है। घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाएं फिर माता के पूजा श्रद्धा के साथ करें।

शारदीय नवरात्रि नवरात्रि का धार्मिक महत्व क्या है ?

शारदीय नवरात्रि में माता का पुजन करने का प्रभधान दुर्गासप्तशी के पाठ में बताया गया है शरद ऋतु में जो लोग वर्षिक माता की पूजा करने से तथा दुर्गासप्तशी के पाठ श्रद्धा भक्ति से पाठ करने से सभी बाधाओं से मुक्त तथा तथा धन धान्य से से परिपूर्ण होते है शरदीय नवरात्रि बैदिक काल से मनाया जाता है।

शरदीय नवरात्रि का ज्योतिषिय महत्व

शरदीय नवरात्रि में माता का पूजन करने से चंद्रमा से सम्बन्धित दोष दुर होता है। आपके जन्मकुंडली में चंद्रग्रहण बना हों, चंद्रमा तथा शनि की युति बन गया है जिसे विषयोग का निर्माण होता है।इस अवस्था में शरदीय नवरात्रि में माता का पुजन करने से ग्रह दोष दूर होते है।

Have something to say? Post your comment
जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

: जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

जानें  गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

: जानें गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा  करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

: कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

: काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास  है

: रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास है

झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

: झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

हिंदू धर्म के पुराणों से आयुर्वेद तक: मेंहदी क्यों है इतनी खास

: हिंदू धर्म के पुराणों से आयुर्वेद तक: मेंहदी क्यों है इतनी खास

रमजान का महीना होने वाला है  शुरू , जानें जकात का महत्व

: रमजान का महीना होने वाला है शुरू , जानें जकात का महत्व

56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में  श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

: 56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

X