चंडीगढ़ | पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने गुरु तेग़ बहादुर जी के शहीदी दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लोगों से महान गुरु, जिन्हें उनके अतुलनीय बलिदान के लिए ‘‘हिंद की चादर’’ के रूप में भी जाना जाता है, की शिक्षाओं और विरासत का पालन करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि गुरु जी द्वारा दिया गया सर्वोच्च बलिदान भक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने और न्याय, गरिमा एवं धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए किया गया था। उनकी विरासत उत्पीड़न के खिलाफ साहस, करुणा और धर्मपरायणता के लिए प्रेरणा का एक अमर स्रोत है।
नौवें सिख गुरु गुरु तेग़ बहादुर जी का जन्म 1621 में हुआ था और उन्होंने अपना जीवन मानवता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। गुरु ग्रंथ साहिब में संकलित उनकी बाणी, आध्यात्मिक ज्ञान, विश्व बंधुत्व और भौतिकवाद से विरक्ति को बढ़ावा देती है।
राज्यपाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1675 में गुरु जी का बलिदान कश्मीरी पंडितों और अन्य लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए दिया गया था, जो सत्य और न्याय के प्रति उनकी अडिग प्रतिबद्धता का प्रतीक है।कटारिया ने गुरु जी की शिक्षाओं का भी उल्लेख किया, जो निःस्वार्थता, निर्भीकता और करुणा पर जोर देती हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस पावन अवसर को सामूहिक रूप से मनाएं और शांति, सद्भाव और एकता के उनके आदर्शों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। इस पवित्र दिन को मनाया जाना गुरु जी के शाश्वत संदेश के प्रति हमारी श्रद्धांजलि और मानव मूल्यों को बनाए रखने की हमारी साझा जिम्मेदारी का प्रतीक है।