नई दिल्ली | विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद का कुछ हद तक समाधान हुआ है। उन्होंने कहा कि LAC पर सेना की वापसी से जुड़ा काम 75% फीसदी पूरा हो गया है। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि सीमा पर बढ़ते सैन्यीकरण का मुद्दा अभी भी गंभीर है।
स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में एक समिट के दौरान बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया है। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर हिंसा होने के बाद कोई यह नहीं कह सकता कि बाकी रिश्ते इससे प्रभावित नहीं होंगे।
आज चीनी विदेशमंत्री से मुलाकात करेंगे विदेशमंत्री, 2020 में गलवान-झड़प के बाद से रिश्ते खराब
जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं का एक-दूसरे के करीब होना एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर सीमा विवाद का समाधान हो जाता है, तो भारत-चीन संबंधों में सुधार संभव है।
आज चीनी विदेश मंत्री से मिलेंगे जयशंकर
जयशंकर के दो दिवसीय स्विट्जरलैंड दौरे का आज आखिरी दिन है। इस दौरान वे चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात करेंगे। भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध सबसे निचले स्तर पर है।
2020 के बाद से लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी हुई हैं। हालांकि फरवरी 2021 से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, जो अब तक जारी है।
जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी में बात करते हुए जयशंकर ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने के लिए सीमा से सेनाओं की वापसी और शांति को अहम बताया।
कल वांग यी से मिले NSA अजीत डोभाल
NSA अजीत डोभाल ने गुरुवार को रूस में BRICS देशों के NSA की मीटिंग के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी मुलाकात की। इस दौरान अजीत डोभाल ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने लिए सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया।
इसके साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करने के लिए भी कहा। इस बैठक से दोनों देशों को सीमा से जुड़े मुद्दों के जल्द समाधान करने के प्रयासों को बल मिला है।
दोनों देशों ने जल्द से जल्द बाकी इलाकों से भी सेना की वापसी में तेजी लाने पर सहमति जताई। NSA डोभाल ने जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों को द्विपक्षीय समझौते, प्रोटोकॉल और आपसी सहमतियों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।