रूस | रूस ने यूक्रेन के पोल्तावा शहर में 2 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि इस हमले में 51 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 271 लोग घायल हुए हैं।
वीडियो मैसेज जारी कर जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने उनके एक एजुकेशनल इंस्टिट्यूट और अस्पताल को निशाना बनाया। इस दौरान एक इमारत को काफी नुकसान पहुंचा। कई नागरिक इमारत के मलबे के नीचे दब गए। हमले के बाद पोल्तावा में तीन दिन के शोक की घोषणा की है।
दावा 51 की मौत, 271 लोग घायल, अस्पताल समेत कई इमारतों पर हमला, मलबे में दबे लोग
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अलर्ट सायरन बजने और मिसाइल अटैक होने में बेहद कम समय का अंतर था। लोग बॉम्ब शेल्टर की तरफ जा ही रहे थे कि उन पर हमला हो गया। रेस्क्यू टीम ने 25 लोगों को बचा लिया जिनमें से 11 मलबे के नीचे दबे थे।
रूस का दावा- यूक्रेन के मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर को टारगेट किया
वहीं रूस के एक टेलीग्राम चैनल ने दावा किया है कि बैलिस्टिक मिसाइल के जरिए यूक्रेन के मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर को निशाना बनाया गया। हमले में जिन लोगों की मौत हुई है वे यूक्रेन के ट्रेनी सैनिक हैं। खुफिया एजेंसी के मुताबिक, जिस मिसाइल से हमला किया गया वह इस्कंदर-M मिसाइल थी, जिसकीं रेंज 500 किमी है।
अगस्त में रूस पर यूक्रेन के लगातार हमलों के बाद यह पहली बार है जब रूस ने यूक्रेनी शहर पर इतना बड़ा हमला किया है। यह हमला तब हुआ है जब 31 अगस्त को जेलेंस्की ने कहा था कि वे रूस में और अंदर घुसकर हमले करना चाहते हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन पर हमलों को तभी रोका जा सकता है, जब यूक्रेन रूस की एयरफील्ड्स और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा।
रूस में और अंदर घुसकर हमले करना चाहता है यूक्रेन
जेलेंस्की ने कहा था, यूक्रेन के आसमान से रूस के बमों को तभी हटाया जा सकता है, जब हम उन पर हमले तेज कर देंगे। इसके बाद ही रूस जंग खत्म करने और शांति की तरफ कदम बढ़ाएगा। यूक्रेन की रक्षा करने के लिए हमें लंबी दूरी तक हमले में सक्षम मिसाइलों और रूस के खिलाफ इनके इस्तेमाल की इजाजत की जरूरत है।
ढाई साल से जारी रूस-यूक्रेन जंग में 6 अगस्त 2024 को पहली बार ऐसा हुआ जब यूक्रेन ने रूस में घुसकर उसके कुर्स्क इलाके पर कब्जा कर लिया। तभी से यूक्रेन लगातार रूस पर हमलावर है। RT की रिपोर्ट के मुताबिक 20 दिनों में यूक्रेन के हमलों में रूस के 31 नागरिकों की जान जा चुकी है।