चंडीगढ़, 18 जुलाई : वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान, पटियाला जीएसटी डिवीजन ने जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 40 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज करते हुए पंजाब के अन्य सभी डिवीजनों से अग्रणी रही है। यह खुलासा वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में हुई आबकारी एवं कराधान विभाग की तिमाही समीक्षा बैठक के दौरान किया गया। पटियाला डिवीजन के बाद, रोपड़ डिवीजन की विकास दर 34.97 प्रतिशत और अमृतसर डिवीजन की 30.26 प्रतिशत रही। विभाग ने अवैध शराब के कारोबार पर प्रभावी ढंग से नकेल कसते हुए अपने आबकारी राजस्व लक्ष्यों को भी सफलतापूर्वक पूरा किया है।
जहाँ पटियाला डिवीजन ने विकास दर में अग्रणी भूमिका निभाई, वहीं लुधियाना डिवीजन ने राज्य भर में सबसे अधिक कुल जीएसटी राजस्व दर्ज किया, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 की इसी अवधि की तुलना में 23.89 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज करते हुए 1998.76 करोड़ रुपये रहा। वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में रोपड़ डिवीजन ने 1315.66 करोड़ रुपये, अमृतसर डिवीजन ने 687.19 करोड़ रुपये और पटियाला डिवीजन ने 679 करोड़ रुपये जीएसटी राजस्व के रूप में प्राप्त किए। ये आंकड़े पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही से काफी वृद्धि दर्शाते हैं, जहाँ लुधियाना डिवीजन ने 1613 करोड़ रुपये, रोपड़ डिवीजन ने 975.53 करोड़ रुपये, अमृतसर डिवीजन ने 527.54 करोड़ रुपये और पटियाला डिवीजन ने 484.98 करोड़ रुपये जीएसटी राजस्व के रूप में प्राप्त किए थे।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रदर्शन की समीक्षा की, सुधार के निर्देश दिए
आबकारी टीमों को अवैध शराब के धंधे को खत्म करने के लिए प्रवर्तन गतिविधियों को तेज करने के निर्देश
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले डिवीजनों में तैनात विभाग की टीमों के समर्पण और अथक प्रयासों की सराहना की और अन्य डिवीजनों को उनसे प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इन डिवीजनों के प्रभारियों, डिप्टी कमिश्नर स्टेट टैक्स, के साथ विस्तृत चर्चा की और उन क्षेत्रों का पता लगाया जहाँ उन्होंने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, साथ ही उन पहलुओं की पहचान की जिनमें और सुधार की आवश्यकता है।
बैठक के दौरान, वित्त मंत्री ने जीएसटी और वैट बकाया की स्थिति की भी समीक्षा की और विभाग के अधिकारियों को इसकी वसूली के लिए नवीन रणनीतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने चल रही जीएसटी जांच की प्रगति का भी मूल्यांकन किया, जिसमें पहली तिमाही के दौरान की गई जांचों की गिनती और निपटाए गए केस शामिल थे। उन्होंने विभाग को सभी लंबित मामलों के समय पर निपटाने के निर्देश जारी किए।
इस अवसर पर, आबकारी और कराधान दोनों विभागों के प्रवर्तन विंगों के प्रदर्शन की भी विस्तार से समीक्षा की गई। इस दौरान कर चोरी को रोकने के लिए स्टेट इंटेलिजेंस एंड प्रीवेंटिव यूनिट के प्रयासों पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, आबकारी टीमों द्वारा अवैध शराब और अन्य राज्यों से पंजाब में शराब की तस्करी से निपटने के लिए अपनी प्रवर्तन गतिविधियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। वित्त मंत्री ने प्रवर्तन विंगों के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया और उन्हें अपने प्रयासों को और बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
अंत में, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जीएसटी और वैट अपील केसों की स्थिति की समीक्षा की और मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान लंबित और नए शुरू किए गए मामलों का पता लगाया। उन्होंने इन सभी मामलों पर निरंतर और गंभीरता से फलो-अप कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से जहरीली शराब के कारण हुई त्रासदियों और अवैध शराब के व्यापार में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ मामलों की ठोस पैरवी करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषियों को कानून के अनुसार सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके। उन्होंने आबकारी टीमों को यह भी निर्देश दिए कि वे अपनी प्रवर्तन गतिविधियों को दोगुना करें और यह सुनिश्चित करें कि राज्य से अवैध शराब के कारोबार का पूरी तरह से सफाया हो। बैठक में अन्य लोगों के अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव-सह-वित्तीय आयुक्त, आबकारी, डी.के. तिवारी, सचिव, कराधान, अजीत बालाजी जोशी, आबकारी और कराधान आयुक्त जितेंद्र जोरवाल भी उपस्थित थे।