पंचकूला | राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सेक्टर 1, पंचकूला में शिक्षकों के लिए इंटर्नशिप कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को इंटर्नशिप प्रक्रिया, उसके लाभ और छात्रों के लिए इसकी आवश्यकता से अवगत कराना था, ताकि वे अपने विषय के अनुरूप विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन दे सकें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सिवाच ने की। उन्होंने कहा, "इंटर्नशिप का उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव प्रदान करना है। शिक्षकों की भूमिका इसमें अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे विद्यार्थियों को सही दिशा देने और उन्हें उपयुक्त इंटर्नशिप अवसरों के लिए तैयार करने में मदद कर सकते हैं।"
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) प्रभारी प्रो विनीता गुप्ता ने इंटर्नशिप के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "NEP 2020 विद्यार्थियों के समग्र विकास पर बल देती है, जिसमें इंटर्नशिप एक प्रमुख भूमिका निभाती है। शिक्षकों का दायित्व है कि वे विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के महत्व को समझाएं और उन्हें सही मार्गदर्शन दें, जिससे वे व्यावसायिक दुनिया के लिए तैयार हो सकें।"
कार्यशाला में इंटर्नशिप समन्वयक डॉ. चित्रा तंवर ने इंटर्नशिप के नियमों, आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि "शिक्षकों को इंटर्नशिप के विभिन्न पहलुओं से अवगत रहना आवश्यक है, ताकि वे अपने छात्रों को सही समय पर उचित अवसरों के बारे में सूचित कर सकें और उनकी सफलता में सहायक बन सकें।"
इस कार्यशाला में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। शिक्षकों ने इंटर्नशिप प्रक्रिया को बेहतर समझने और इसे विद्यार्थियों तक प्रभावी रूप से पहुंचाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। कार्यशाला के अंत में शिक्षकों ने इसे एक उपयोगी पहल बताते हुए कहा कि इससे वे अपने विद्यार्थियों को अधिक सटीक और प्रभावी मार्गदर्शन दे सकेंगे।