Wednesday, 23 April 2025
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चंडीगढ़

केंद्र सरकार की पीएम विद्या लक्ष्मी योजना के तहत जीजीडीएसडी कॉलेज का हुआ चयन

Updated on Wednesday, March 26, 2025 18:31 PM IST

चंडीगढ़। सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त कॉलेज ट्राइसिटी का एकमात्र संस्थान है जिसका चयन प्रतिष्ठित पीएम विद्या लक्ष्मी योजना के तहत हुआ है। यह यूजीसी द्वारा शुरू की गई एक ऐतिहासिक पहल है, जिसे पूरे भारत में छात्रों के लिए शिक्षा ऋण की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है। देश भर में 51,762 संस्थानों में से केवल 860 कॉलेजों को चुना गया है, जिसमें जीजीडीएसडी कॉलेज ट्राइसिटी का एकमात्र निजी सहायता प्राप्त संस्थान है जिसे यह सम्मान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि उच्च शिक्षा को सुलभ बनाने तथा वित्तीय बाधाओं के कारण शैक्षणिक आकांक्षाओं में बाधा न आए, इसे सुनिश्चित करने के प्रति कॉलेज के समर्पण को रेखांकित करती है। इस प्रतिष्ठित योजना के लिए जीजीडीएसडी कॉलेज का चयन स्टूडेंट वेलफेर, वित्तीय समावेशन और शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कॉलेज बना ट्राइसिटी का एकमात्र ऐसा निजी सहायता प्राप्त संस्थान जिसे हासिल हुआ यह सम्मान

पीएम विद्यालयक्ष्मी योजना के तहत, जो भी छात्र अच्छे उच्च शिक्षण संस्थान में दाखिला लेता है, उसे बैंक और वित्तीय संस्थान बिना किसी गारंटी या जमानत के लोन दिया जाता है। यह योजना केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही है। इस योजना का मकसद है छात्रों को आर्थिक मदद देना ताकि पैसे की तंगी की वजह से कोई भी उच्च शिक्षा से वंचित ना रहे। वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के मार्गदर्शन में विकसित विद्या लक्ष्मी पोर्टल एक वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है, जहां छात्र अपने शिक्षा ऋण आवेदनों को आसानी से देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और ट्रैक कर सकते हैं। प्रोटीन ई-गवर्नेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (पूर्व में एनएसडीएल ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) द्वारा प्रबंधित यह पोर्टल वित्तीय सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है, तथा विद्यार्थियों को उनके सपनों को साकार करने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराता है।

इस पहल के अनुरूप, जीजीडीएसडी कॉलेज विद्यार्थियों को विद्या लक्ष्मी योजना और उनके लिए उपलब्ध वित्तीय सहायता अवसरों के बारे में अच्छी जानकारी सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि इस योजना के बारे में जागरूकता कार्यक्रमों को अपने स्टूडेंट ओरिएँटेशन में एकीकृत किया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक छात्र ऋण आवेदन प्रक्रिया को समझ सके। मार्गदर्शन प्रदान करने और ऋण आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक समर्पित नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, संस्था छात्रों, अभिभावकों और बैंकिंग प्रतिनिधियों के लिए जागरूकता सत्र आयोजित कर रही है, जिससे योजना के लाभों को अधिकतम करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास को बढ़ावा मिल रहा है। पहुंच को बढ़ाने के लिए, कॉलेज के प्रास्पेक्टस में शिक्षा ऋण पर एक व्यापक अनुभाग शामिल किया जाएगा, जिसमें विद्या लक्ष्मी योजना की प्रक्रिया, पात्रता और लाभों को रेखांकित किया जाएगा।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुंच की आवश्यकता को समझते हुए, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) लंबे समय से मेधावी लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को वित्तीय सहायता देने की वकालत करता रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी वाणिज्यिक बैंकों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत विभिन्न छात्र ऋण योजनाएं शुरू की गई हैं। ये योजनाएं भारत में पढ़ाई के लिए 7.5 लाख रुपये तक और विदेश में पढ़ाई के लिए 15 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती हैं, जबकि 4 लाख रुपये तक के ऋण के लिए किसी जमानत या मार्जिन की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अतिरिक्त, इन ऋणों के लिए ब्याज दर प्राइम लेंडिंग रेट (पीएलआर) से अधिक नहीं होती है, जिससे कि वहनीयता सुनिश्चित होती है। उच्च ऋण राशियों के लिए, ब्याज दर पीएलआर प्लस 1 प्रतिशत के भीतर रहती है, जिसमें पांच से सात साल की लचीली पुनर्भुगतान अवधि और पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद एक वर्ष की छूट अवधि होती है।

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