चंडीगढ़। हरियाणा में बीस साल से शामलाती जमीन पर खेती कर रहे किसानों या फिर शामलाती जमीन पर 500 वर्ग गज तक मकान बनाकर रह रहे ग्रामीणों को अब बाजार रेट से भी कम कीमत पर मालिकाना हक मिल सकेगा। अब मंत्रिमंडल की बजाय विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक को पंचायतों के प्रस्ताव पर निर्णय लेने का अधिकार दे दिया गया है।
विधानसभा में पारित हुआ हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक-2025
विधानसभा में मंगलवार को हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) संशोधन विधेयक-2025 पारित कर दिया गया। प्रदेश सरकार ने कलेक्टर द्वारा 20 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर दी गई शामलात देह में स्थित भूमि को शामलात देह के दायरे से बाहर कर दिया है। पूर्व में विधानसभा में पारित नियम के अनुसार 31 मार्च 2004 या उससे पहले शामलात देह में स्थित भूमि या इस पर अनधिकृत रूप से निर्मित मकानों के मालिकों को मालिकाना हक देने के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा अनुमोदित किए जाने वाले प्रत्येक मामले को मंत्रिपरिषद के समक्ष रखना जरूरी था। चूंकि ऐसे प्रत्येक मामले मंत्रिमंडल की बैठक में रखे जाना मुश्किल है, इसलिए मालिकाना हक की पावर पंचायत विभाग के निदेशक को देने का निर्णय लिया गया है। मालिकाना हक के लिए बाजार मूल्य की अनिवार्यता भी हटा दी गई है। पुराने कलेक्टर रेट या पंचायत द्वारा निर्धारित सामान्य दरों के आधार पर यह जमीन पट्टेदार किसानों और मकान बनाकर रह रहे लोगों के नाम की जाएगी।
पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण के सीईओ हुए पावरफुल
पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अब और पावरफुल होंगे। विधानसभा में मंगलवार को पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक-2025 पारित कर दिया गया। संशोधित अधिनियम के अनुसार पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण के सीईओ नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए सक्षम होंगे। मूल अधिनियम में केवल नगर निगम पंचकूला वर्णित था, जबकि क्षेत्र में नगर परिषद कालका के क्षेत्र की सीमाएं भी प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आती है। तकनीकी अड़चनों के दुरुस्त होने से प्राधिकरण के क्षेत्र में विकास कार्यों में कोई अड़चन नहीं आएगी।