चंडीगढ़ | चंडीगढ़ युवा दल चंडीगढ़ के प्रमुख मुद्दे यानि वृद्धावस्था और विधवा पेंशन मुद्दे को उजागर करने के लिए राष्ट्रपति सचिवालय को पत्र लिखा चंडीगढ़ प्रवास के दौरान राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मिलने का समय माँगा है युवा दल की चेयरपर्सन इंदरजीत कौर और प्रधान विनायक बंगिया ने कहा कि चंडीगढ़ के लोग 9 वर्षो से पेंशन बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं यह एक सामाजिक मुद्दा है जो गरीब जनता से जुड़ा हुआ है तमाम कोशिशों के बाद भी इसका हल नहीं निकल रहा है इस लिए हमने राष्ट्रपति सचिवालय को पत्र लिख समय माँगा है।
वृद्धावस्था और विधवा पेंशन के मुद्दे पर विचार करने के लिए युवा दल ने लिखा राष्ट्रपति सचिवालय को पत्र माँगा चंडीगढ़ प्रवास के दौरान मिलने का समय
ज्ञात हो की चंडीगढ़ प्रशासन चंडीगढ़ के वृद्ध और विधवा व्यक्तियों को 1000 रुपये की पेंशन दे रहा है। यूटी प्रशासन ने आखिरी बार फरवरी 2016 में पेंशन को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया था। तब से पेंशन में एक बार भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। इस दौरान पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत लगभग सभी राज्यों ने कई बार पेंशन राशि में बढ़ोतरी की है। दो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी में पूरे उत्तर भारत में सबसे कम पेंशन है, जो कि मात्र 1,000 रुपये है, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में पेंशन इससे लगभग तीन गुना अधिक है। महंगाई के इस दौर में 1000 रुपये की पेंशन सिर्फ नाम की है। बुढ़ापे में बुजुर्ग, विकलांग और असहाय विधवाओं को अपनों की उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। पड़ोसी राज्यों में पेंशन में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन चंडीगढ़ में लोग केंद्र शासित प्रदेश होने का खामियाजा भुगत रहे हैं। करीब तीन साल पहले यूटी प्रशासक द्वारा गठित समाज कल्याण समिति की ओर से पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये करने का प्रस्ताव भेजा गया था। प्रशासन ने इसे मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजा था, लेकिन आज तक बुजुर्ग पेंशन में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं।