चंडीगढ़। देश भर में जल संसाधन विभाग भारत सरकार की ओर से जल स्त्रोतों का रियल टाइम डिजिटल डाटा तैयार करेगा। जल संसाधनों के रियल टाइम डाटा तैयार करने को लेकर तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला चंडीगढ़ में शुरू हुई। कार्यशाला में पांच राज्यों के मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे, जो जिला स्तर पर प्रशिक्षण करेंगे।
कार्यशाला में भू-अभिलेख विभाग के निदेशक डॉ. यशपाल और जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण, लघु सिंचाई प्रकोष्ठ की उप महानिदेशक प्रियंका कुलश्रेष्ठ ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यशाला में पहुंचने पर नोडल अधिकारी राजकुमार ने प्रियंका कुलश्रेष्ठ और डीआरओ तरुण ने डॉ. यशपालल का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला शुरू, कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर होंगे तैयार
डॉ. यशपाल ने कहा कि जल मानव के लिए प्राकृतिक संसाधन है। जल संसाधनों का प्रभावी उपयोग और प्रबंधन अति आवश्यक है। हरियाणा, जो उत्तर भारत का प्रमुख राज्य है, जहां पर जल संसाधनों का उपयोग ज्यादा है। हरियाणा में जल संबंधी चुनौतियों से निपटने में कार्यशाला महत्वपूर्ण साबित होगी।
जल संसाधन विभाग की उप महानिदेशक प्रियंका कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन विभाग, नदी विकास और गंगा संरक्षण ने सातवीं लघु सिंचाई गणना, दूसरी जल निकायों की गणना, पहली मध्यम एवं वृहद सिंचाई गणना एवं पहली जल स्त्रोतों की गणना संदर्भ वर्ष 2023-24 के साथ सम्पूर्ण डिजिटल प्रणाली में पूरे भारत वर्ष में करवाने का निर्णय लिया है I
इस संदर्भ में उत्तरी राज्यों के हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश व जम्मू के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला हरियाणा में आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का आयोजन जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन विभाग भारत सरकार और राजस्व विभाग के भू-अभिलेख विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।
जल संसाधन व सिंचाई परियोजनाओं पर तैयार होगी कार्ययोजना
कार्यशाला नोडल अधिकारी राजकुमार ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यशाला में जल संचय, जल संसाधन, भूजल, सतही जल प्रबंधन संसाधनों का प्रबंधन और जल स्त्रोत लघु मध्यम एवं वृहद सिंचाई परियोजनाओं पर मंथन होगा। निदेशक पवन कुमार ने बताया कि कार्यशाला में प्रशिक्षकों को मोबाइल वेब एप्लिकेशन में शेड्यूल भरने, उपयोगकर्ता निर्माण और प्रबंधन मॉड्यूल के साथ-साथ परिभाषाओं की अवधारणाओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे सभी चार गणनाओं के लिए रियल-टाइम डेटा संग्रह सुनिश्चित हो सकेगा। डीआरओ तरुण ने बताया कि कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरुआत तकनीकी सत्र के साथ होगी। इसके बार एमएमआई शेड्यूल और एमएमआई मोबाइल एप्लीकेशन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर सहायक निदेशक निहारिका सिंह, संयुक्त निदेशक आईटी रितिका सेठी व परियोजना प्रबंधक अनूप शर्मा प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।