चण्डीगढ़ । मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखते हैं। इस समय मार्गशीर्ष यानी अगहन का कृष्ण पक्ष चल रहा है, 14वीं तिथि को मासिक शिवरात्रि है। मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करते हैं। इस दिन आप पूरे समय भगवान शिव की पूजा अर्चना कर सकते हैं। लेकिन मासिक शिवरात्रि पर निशिता पूजा का मुहूर्त विशेष होता है। मार्गशीर्ष या अगहन का मासिक शिवरात्रि पर शोभन योग बनेगा।
अगहन मासिक शिवरात्रि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल अगहन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 29 नवंबर शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 30 नवंबर शनिवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर होनी है। ऐसे में अगहन मासिक शिवरात्रि 29 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।
अगहन मासिक शिवरात्रि 2024 मुहूर्त
अगहन की मासिक शिवरात्रि की निशिता पूजा के लिए आपको 54 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा। उस रात शिव पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 43 मिनट से देर रात 12 बजकर 33 मिनट तक है। यह मुहूर्त उन लोगों के लिए है जो निशिता पूजा करना चाहते हैं।
जो लोग दिन में मासिक शिवरात्रि की पूजा करना चाहते हैं, वे ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्योदय के बाद स्नान करके शिव पूजा कर सकते हैं। शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:07 ए एम से 06:01 ए एम तक है। उस दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है। अगहन मासिक शिवरात्रि पर सूर्योदय 6 बजकर 55 मिनट पर होगा।
शोभन योग और स्वाति नक्षत्र में अगहन शिवरात्रि
अगहन की मासिक शिवरात्रि के दिन शोभन योग प्रात:काल से लेकर शाम 4 बजकर 34 मिनट तक है। वहीं स्वाती नक्षत्र प्रात:काल से लेकर सुबह 10 बजकर 18 मिनट तक है। उसके बाद विशाखा नक्षत्र है।
अगहन शिवरात्रि पर लगेगी भद्रा
शिवरात्रि के दिन भद्रा का साया है, जिसका वास स्थान पाताल लोक है। शिवरात्रि व्रत के दिन भद्रा सुबह 8 बजकर 39 मिनट से लग रही है, जो रात 9 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। हालांकि शिव पूजा में भद्रा का स्थान नहीं है और न ही राहुकाल देखा जाता है क्योंकि भगवान शिव स्वयं महाकाल हैं।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि व्रत और शिव पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उनके दुख, संकट दूर होते हैं और पाप भी मिटता है। इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मासिक शिवरात्रि पर आप रुद्राभिषेक करा सकते हैं। इससे अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है।