चंडीगढ़। हिन्दू धर्म में करवा चौथ का त्योहार अत्यंत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं। जिन महिलाओं की हाल ही में शादी हुई है, उनके लिए पहला करवा चौथ का व्रत विशेष महत्व रखता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके नए वस्त्र पहनकर अपने आपको सजाती हैं और पूजा की तैयारी श्रद्धा के साथ करती हैं। करवा चौथ में हाथों में मेहंदी लगान सोलह श्रृंगारों में से एक महत्वपूर्ण श्रृंगार है। आइए जानें ज्योतिष शास्त्र में करवा चौथ की मेहंदी का क्या महत्व है।
प्रेम और समर्पण का प्रतीक है मेहंदी
मेहंदी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है, जो सदियों से चली आ रही है। विशेष अवसरों जैसे विवाह, त्योहार और धार्मिक समारोहों के दौरान हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाना एक प्राचीन परंपरा है। करवा चौथ के अवसर पर, मेहंदी इस पर्व के अनुष्ठानों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो पत्नी के अपने पति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।
मेहंदी सकारात्मकता लाती है
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मेहंदी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और जीवन में सकारात्मकता लाने की क्षमता रखती है। चूंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, इसलिए करवा चौथ के उपवास के दौरान मेहंदी लगाना विशेष रूप से लाभकारी होता है। इसके साथ ही, यह मानसिक शांति भी प्रदान करती है।