Tuesday, 22 April 2025
BREAKING
अमेरिका पहुंचा पुतिन का दूत, यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप के अधिकारियों से होगी बात पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की होगी मुलाकात, भारत-बांग्लादेश के संबंधों में क्या आएगा सुधार? 600 परिवार को बेदखल करेगा वक्फ बिल? एक जमीन का टुकड़ा बना BJP का सियासी हथियार हम एक मजबूत भारत का निर्माण कर सकते हैं : पीएम मोदी 5जी डाउनलोड स्पीड में जियो सबसे तेज़- ऊकला खालिस्तानी समर्थक पन्नू को आप नेताओं ने दिया मुंह तोड़ जवाब वक्फ बिल में किए गए संशोधन असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक हैं: बलबीर सिद्धू भाजपा ने हाउस टैक्स के खिलाफ खोला मोर्चा, मुख्य सचिव से मिलकर जताया विरोध शहर वहीं तरक्की करता है जिसे देखने के लिए बाहर से लोग आते हैं : ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज हरभजन सिंह ई.टी.ओ. द्वारा प्रदेश के सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने के आदेश

धर्म कर्म

जानिये महाभारत की ऐसी कई महिलाएं जिनके कष्ट और दुख का जिक्र महाभारत में कही नहीं किया गया

Updated on Sunday, September 01, 2024 09:22 AM IST

चंडीगढ़ | महाभारत में हजारों महिलाएं थीं, परंतु कुछ महिलाओं की चर्चा बार बार होती हैं क्योंकि वे सभी हस्तिनापुर की राजनीति के केंद्र में थीं। हालांकि इसके अलावा भी ऐसी कई महिलाएं थीं जिनकी कथा और व्यथा पर चर्चा होना चाहिए क्योंकि उन्होंने बहुत दुखः सहने के बाद ऐसे कार्य किए थे तो महाभारत की रचना करते हैं। आओ जानते हैं इनमें से 5 महिलाओं के बारे में।

अम्बिका और अम्बालिका

शांतनु और सत्यवती के दो पुत्र हुए। चित्रांगद और विचित्रवीर्य। चित्रांगद युद्ध में मारा गया तब विचित्रवीर्य राजा बना। विचित्रवीर्य की 2 पत्नियां अम्बिका और अम्बालिका थीं। दोनों को कोई पुत्र नहीं हो रहा था तो पराशरमुनी के पुत्र वेदव्यास से हुए नियो के कारण अम्बिका को धृतराष्ट्र और अम्बालिका को पांडु नामक पुत्र मिला। धृतराष्ट्र और पांडु की माता की कथा और व्यथा की कम ही चर्चा होती है।

भानुमति 

भानुमती काम्बोज के राजा चन्द्रवर्मा की पुत्री थी। भानुपति बहुत ही सुंदर, आकर्षक, बुद्धिमान और ताकतवर थी। भानुमती के स्वयंवर में शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी, वक्र, कर्ण आदि राजाओं के साथ दुर्योधन भी गया हुआ था। कहते हैं कि भानुमति दुर्योधन से विवाह नहीं करना चाहती थी, लेकिन मजबूरन उसे विवाह करना पड़ा। भानुमती पर कम ही चर्चा होती है जबकि वह एक महान यौद्ध थीं।

माद्री

कुंती और माद्री के पति का नाम पांडु था। कुंती की तो बहुत चर्चा होती है परंतु माद्री की कम ही चर्चा होती है। पांच पांडवों में से दो नकुल और सहदेव माद्री के ही पुत्र थे।

विदुर की माता

अम्बिका और अम्बालिका के बाद अम्बालिका ने अपनी दासी को वेद व्यास के पास भेज दिया। दासी से विदुर का जन्म हुआ। इस तरह धृतराष्ट्र, पांडु और विदुर तीनों भाई भाई हुए। परंतु, विदुर की माता की कोई चर्चा नहीं करता है। वह कौन थी और क्या करती थी। महात्मा विदुर की पत्नी का नाम पारसंवी था। पारसंवी का भगवान् श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति प्रेम था।

Have something to say? Post your comment
जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

: जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

जानें  गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

: जानें गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा  करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

: कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

: काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास  है

: रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास है

झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

: झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

हिंदू धर्म के पुराणों से आयुर्वेद तक: मेंहदी क्यों है इतनी खास

: हिंदू धर्म के पुराणों से आयुर्वेद तक: मेंहदी क्यों है इतनी खास

रमजान का महीना होने वाला है  शुरू , जानें जकात का महत्व

: रमजान का महीना होने वाला है शुरू , जानें जकात का महत्व

56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में  श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

: 56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम

X