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जानिये महाभारत की ऐसी कई महिलाएं जिनके कष्ट और दुख का जिक्र महाभारत में कही नहीं किया गया

Updated on Sunday, September 01, 2024 09:22 AM IST

चंडीगढ़ | महाभारत में हजारों महिलाएं थीं, परंतु कुछ महिलाओं की चर्चा बार बार होती हैं क्योंकि वे सभी हस्तिनापुर की राजनीति के केंद्र में थीं। हालांकि इसके अलावा भी ऐसी कई महिलाएं थीं जिनकी कथा और व्यथा पर चर्चा होना चाहिए क्योंकि उन्होंने बहुत दुखः सहने के बाद ऐसे कार्य किए थे तो महाभारत की रचना करते हैं। आओ जानते हैं इनमें से 5 महिलाओं के बारे में।

अम्बिका और अम्बालिका

शांतनु और सत्यवती के दो पुत्र हुए। चित्रांगद और विचित्रवीर्य। चित्रांगद युद्ध में मारा गया तब विचित्रवीर्य राजा बना। विचित्रवीर्य की 2 पत्नियां अम्बिका और अम्बालिका थीं। दोनों को कोई पुत्र नहीं हो रहा था तो पराशरमुनी के पुत्र वेदव्यास से हुए नियो के कारण अम्बिका को धृतराष्ट्र और अम्बालिका को पांडु नामक पुत्र मिला। धृतराष्ट्र और पांडु की माता की कथा और व्यथा की कम ही चर्चा होती है।

भानुमति 

भानुमती काम्बोज के राजा चन्द्रवर्मा की पुत्री थी। भानुपति बहुत ही सुंदर, आकर्षक, बुद्धिमान और ताकतवर थी। भानुमती के स्वयंवर में शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी, वक्र, कर्ण आदि राजाओं के साथ दुर्योधन भी गया हुआ था। कहते हैं कि भानुमति दुर्योधन से विवाह नहीं करना चाहती थी, लेकिन मजबूरन उसे विवाह करना पड़ा। भानुमती पर कम ही चर्चा होती है जबकि वह एक महान यौद्ध थीं।

माद्री

कुंती और माद्री के पति का नाम पांडु था। कुंती की तो बहुत चर्चा होती है परंतु माद्री की कम ही चर्चा होती है। पांच पांडवों में से दो नकुल और सहदेव माद्री के ही पुत्र थे।

विदुर की माता

अम्बिका और अम्बालिका के बाद अम्बालिका ने अपनी दासी को वेद व्यास के पास भेज दिया। दासी से विदुर का जन्म हुआ। इस तरह धृतराष्ट्र, पांडु और विदुर तीनों भाई भाई हुए। परंतु, विदुर की माता की कोई चर्चा नहीं करता है। वह कौन थी और क्या करती थी। महात्मा विदुर की पत्नी का नाम पारसंवी था। पारसंवी का भगवान् श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति प्रेम था।

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