चंडीगढ़ | हमारे जीवन में समय का बहुत महत्व होता है। कहा जाता है अगर किसी व्यक्ति का वक्स अच्छा चल रहा है, तो वह राजा भी बन सकता है, लेकिन अगर वक्त खराब होता है तो रंक बनने में उसे देर नहीं लगती है। हिंदू धर्म में खराब समय से निकलने के लिए कुछ वास्तु उपाय बताए गए हैं। वास्तु के अनुसार, जिस घड़ी से हम पूरे दिन समय देखते हैं उसका भी हमारे जीवन में बड़ा महत्व होता है। इसलिए घर की दीवार घड़ी से जुड़े भी कुछ वास्तु नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। वास्तुविदों के मुताबिक, घर में किसी भी दीवार पर घड़ी टांग देना आपको मुसीबत में डाल सकता है। वास्तु शास्त्र में एक दिशा ऐसी बताई गई है, जिसकी ओर भूलकर भी घड़ी नहीं लगानी चाहिए, अन्यथा आपके बुरे दिन शुरू होने की संभावना रहती है। आइए जानते हैं वह कौन सी दिशा है, और घर में घड़ी लगाने की सही दिशा कौन सी है।
दीवार घड़ी लगाने की सही दिशा
मान्यता है कि धन के देवता कुबेर उत्तर दिशा में शासन करते हैं और सभी देवताओं के राजा पूर्व दिशा में विद्यमान होते हैं। यही वजह है कि इन दोनों दिशाओं को शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इन दोनों दिशाओं में दीवार घड़ी टांगना शुभ होता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और अटके हुए काम भी सफल हो जाते हैं। इस उपाय से न केवल परिवार में प्रेम भाव बढ़ता है बल्कि आर्थिक स्थिति में भी बढ़ोतरी होती है।
पश्चिम दिशा में घड़ी लगाना शुभ या अशुभ?
घर में घड़ी लगाने के लिए पूर्व और उत्तर दिशा को शुभ बताया गया है। यदि किसी के घर में उत्तर या पूर्व दिशा में घड़ी टांगने की जगह न हो तो क्या पश्चिम दिशा में घड़ी लगा सकते हैं? वास्तुविदों की मानें तो पश्चिम दिशा पूर्व और उत्तर दिशा की तरह शुभ नहीं होती, लेकिन इस दिशा में घड़ी टांगने से कोई नुकसान नहीं होता है। इसलिए पश्चिम दिशा में घड़ी को लगाया जा सकता है।
इन दिशा में गलती से भी न लगाएं दीवार घड़ी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा मृत्यु के देवता यमराज की होती है, जो बेहद अशुभ दिशा मानी जाती है। इसलिए दक्षिण दिशा में दीवार घड़ी को भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। ध्यान रहे कि घड़ी का मुख दक्षिण की ओर नहीं होना चाहिए। माना जाता है कि इस दिशा में घड़ी टांगने का अर्थ होता है, यमराज से मिलने का वक्त नजदीक आना। इसके अलावा ऐसा करने से घर में बीमारी और आर्थिक तंगी की समस्या भी पैदा हो सकती है।