पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा नशा तस्करी और आय से अधिक संपत्ति के केस में गिरफ्तार शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की की घेराबंदी कर दी गई है। मजीठिया ड्रग्स केस में पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय ने शुक्रवार को विजिलेंस ब्यूरो के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाकर कहा है कि मजीठिया के नशा तस्करों से संबंध है।
इसके पुख्ता सबूत 100 प्रतिशत है। ड्रग तस्करों से मिली भुगत और फाइनेंशियल गेन हुआ है। उन्होंने कहा कि वह आज अधिकारिक रूप से बयान दर्ज करवाने नहीं आए थे। विजिलेंस को केस पूरा बैकग्राउंड बताने आया था। उनके समय में 2021 में जब मजीठिया पर केस दर्ज हुआ था। उस समय वह डीजीपी थे। इसलिए केस की सुपरविजन की थी। उन्होंने कहा उस समय केस में क्या-क्या जानकारियां हमारे पास आई थी। मैने उन्हें इस केस का सारा बैकग्राउंड बताया है। ताकि वह मजबूती से केस को अदालत में रख पाए।
करीब एक घंटा विजिलेंस अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बात करते हुए पूर्व डीजीपी ने कहा कि हमने 2021 में जब बिक्रम मजीठिया पर पर्चा दर्ज किया था। उस समय भी हमारे पास पुख्ता सबूत थे। इस समय भी सबूत है। उन्होंने कहा कि 2012-13 में मजीठिया के खिलाफ सबूत थे। उस समय अकाली दल भाजपा की सरकार थी। उस समय मजीठिया मंत्री थे। ऐसे में कुछ नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने कहा कि मजीठिया ड्रग तस्करों से संबंध है।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि पुलिस और नशा तस्करों पर नजर रखने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक एसआईटी बनाई थी। हमारी एसआईटी ने तीन रिपोर्ट दी थी। जबकि एक रिपोर्ट मैने अलग से दी थी। वह अब भी बंद है। उन्होंने कहा कि हर जगह कुछ लोग होते हैं, जो संस्था को बदनाम करते हैं। वहीं पुलिस में भी कुछ भेड़े हैं। जो कि लोगों को शोषण करते है।