पुडुचेरी। तमिल भाषा को लेकर मचे विवाद के बीच पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने एक आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को परिपत्र जारी कर उन्हें अपना नाम तमिल में प्रदर्शित करने का निर्देश देगी।
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान निर्दलीय सदस्य जी नेहरू उर्फ कुप्पुसामी के सवाल पर रंगासामी ने कहा,‘परिपत्र के माध्यम से सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुकान मालिक साइनबोर्ड पर अपने प्रतिष्ठान के नाम को तमिल में प्रदर्शित करें।’
आदेश को लागू करने में नहीं हो कोई ढील
नेहरूजी ने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्देश को लागू करने में कोई ढील नहीं होनी चाहिए और सरकार से तमिल भाषा का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट और दृढ़ दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने बताया क्यों किया जा रहा ऐसा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि सरकारी विभागों के सभी कार्यक्रमों के निमंत्रण पत्र तमिल में भी लिखा होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘तमिल भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान के कारण ऐसा किया जा रहा है।’
प्रोजेक्ट के लिए 1 हजार करोड़ की आवश्यकता
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान लोक निर्माण और मत्स्य पालन मंत्री के लक्ष्मीनारायणन ने सदन को बताया कि सरकार तटीय क्षेत्र के कटाव को रोकने के उपायों के तहत पुडुचेरी तटरेखा के पूरे 24 किलोमीटर क्षेत्र में चट्टानें बिछाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी तथा इसके कार्यान्वयन के लिए केंद्र से धनराशि मिलने की उम्मीद है।
CM स्टालिन ने बजट से प्रतीक चिह्न हटाया
हाल ही में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन सरकार ने राज्य सरकार के बजट 2025-26 से रुपये (₹) का प्रतीक चिह्न हटा दिया है। इसकी जगह सरकार ने तमिल भाषा का प्रतीक लगाया है। ऐसा माना जा रहा है भाषा विवाद के चलते तमिलनाडु सरकार ने यह कदम उठाया है। बता दें कि तमिलनाडु में तीन भाषा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है।