नई दिल्ली। म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित साइबर क्राइम सेंटरों से छुड़ाकर भारत अपने 549 नागरिकों को दो सैन्य विमानों से वापस लेकर आया है। ये भारतीय नागरिक नौकरी के फर्जी प्रस्तावों के शिकार हुए थे।
सोमवार को 283 भारतीयों को भी वापस लाया गया था
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भारत सरकार ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना के विमान से 266 भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की। इसी तरह सोमवार को 283 भारतीयों को भी वापस लाया गया था।'
उन्होंने बताया कि अधिकांश भारतीय नागरिक महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के थे और उन्हें थाईलैंड अथवा म्यांमार में नौकरी का फर्जी प्रस्ताव दिया गया था। बाद में उन्हें म्यांमार के म्यावाड्डी क्षेत्र में साइबर क्राइम सेंटरों में ले जाया गया था।
म्यांमार और थाईलैंड के साथ काम कर रहा भारत
जायसवाल ने बताया कि म्यांमार और थाईलैंड में स्थित भारतीय दूतावासों ने भारतीयों की रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए दोनों देशों की सरकारों के साथ मिलकर काम किया।
बांग्लादेश सीमा पर भारत ने पकड़े 2601 बांग्लादेशी
गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया है कि पिछले 13 महीनों में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 2,601 बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करते समय पकड़ा गया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित उत्तर में बताया कि ये गिरफ्तारियां एक जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 के बीच हुईं।
अक्टूबर में पकड़े गए 300 बांग्लादेशी
जनवरी 2025 में 176 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा गया, जो कि बीएसएफ की सतर्कता का परिणाम है। 2024 के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में 253, नवंबर में 310, अक्टूबर में 331 और सितंबर में 300 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए। मई 2024 में सबसे कम 32 लोग पकड़े गए।
बढ़ाई गई बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा
सरकार ने सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एडवांस्ड सर्विलांस, मैन पावर बढ़ाने और तकनीकी एकीकरण का सहारा लिया है। इन उपायों में हैंड-हेल्ड थर्मल इमेजर्स, नाइट विजन डिवाइस, यूएवी, सीसीटीवी/पीटीजेड कैमरे, आईआर सेंसर और असम के धुबरी में कंप्रीहेंसिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) शामिल हैं।
सीमा पर लगातार पेट्रोलिंग, नाके, अवलोकन पोस्ट और स्थानीय पुलिस व सीमा गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ संयुक्त अभियान चलाए जाते हैं।