Saturday, 12 July 2025
BREAKING
पंजाब में बिजनेस की नई उड़ान, बिल्ड एक्स कॉन्क्लेव में उमंग जिंदल ने बताया राज्य में संभावनाओं का रोडमैप कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान दिसंबर, 2021 को केंद्र को सी.आई.एस.एफ. लगाने की सहमति दी गई: बरिन्दर कुमार गोयल छोटे कारोबारों के लिए बड़ी राहत: तरुनप्रीत सिंह सौंद पंजाब विधानसभा में बेज़ुबान जानवरों की भलाई के लिए ऐतिहासिक बिल पेश, डॉ. बलजीत कौर ने की बिल की सराहना मुख्य मंत्री ने राज्य में पारंपरिक ग्रामीण खेलों को और बढ़ावा देने और संरक्षित करने की प्रतिबद्धता दोहराई हमारा लक्ष्य सिर्फ आँखों की रोशनी नहीं, बल्कि हरियाणा के भविष्य को उज्जवल बनाना: आरती सिंह राव मुख्य मंत्री के नेतृत्व में सी.आई.एस.एफ. तैनात करने के विरोध में ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित गुरु पूर्णिमा पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने ब्रह्माकुमारी दीदीयों को किया सम्मानित बढ़ता नशा और बेरोजगारी युवाओं के लिए चिंताजनक - दिग्विजय चौटाला हरियाणा सरकार इंजीनियरिंग कार्यों की निगरानी के लिए "चीफ मिनिस्टर इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट क्वालिटी मॉनिटर्स" के रूप में युवाओं की लेगी सेवाएं

धर्म कर्म

जानें गुरु प्रदोष व्रत कब है, इस दिन सिर्फ 39 मिनट ही रहेगा शिव पूजा का समय

Updated on Sunday, July 14, 2024 08:34 AM IST

चंडीगढ़ । प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में किया जाता है। दोनों ही प्रदोष व्रत का अपना अलग-अलग महत्व है। गुरु प्रदोष व्रत जुलाई और आषाढ़ मास का अंतिम प्रदोष व्रत है, जो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है। प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव शंकर की पूजा करने का विधान है। प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद शुरू होती है। इस दिन रुद्राभिषेक कराने पर विशेष फल प्राप्त होता है।

प्रदोष व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 जुलाई की रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 19 जुलाई को शाम 7 बजकर 41 मिनट पर होगी। इस बार प्रदोष व्रत की पूजा के लिए त्रयोदशी तिथि 18 और 19 जुलाई दोनों दिन मिल रही है। पंचांग के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत 18 जुलाई को रखा जाएगा। गुरु प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए आपको 39 मिनट का ही शुभ समय प्राप्त होगा। वहीं शिव पूजा का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 44 मिनट से रात 9 बजकर 23 मिनट तक है।

ब्रह्म योग और ज्येष्ठा नक्षत्र में रखा जाएगा गुरु प्रदोष व्रत

गुरु प्रदोष व्रत 18 जुलाई को है। इस दिन ब्रह्म योग और ज्येष्ठा नक्षत्र है। गुरु प्रदोष व्रत के दिन शुक्ल योग सुबह 6 बजकर 13 मिनट तक है। उसके बाद से ब्रह्म योग होगा, जो 19 जुलाई को प्रात: 4 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही ज्येष्ठा नक्षत्र 18 जुलाई को सुबह से लेकर 19 जुलाई को 3 बजकर 25 मिनट तक है। प्रदोष व्रत यानि त्रयोदशी तिथि में रवि योग भी बन रहा है। रवि योग 19 जुलाई को 03 बजकर 25 मिनट से सुबह 5 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

गुरु प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक का समय

गुरु प्रदोष व्रत शिव जी के रुद्राभिषेक के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन आप रुद्राभिषेक करा सकते हैं। 18 जुलाई के दिन शिव का वास कैलाश पर प्रात: काल से लेकर रात 08 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। उसके बाद उनका वास नंदी पर होगा।

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व

गुरु प्रदोष व्रत रखकर शिव पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। शिव कृपा से भक्तों के सभी दुखों और कष्टों का निवारण हो जाता है। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होगा और दांपत्य जीवन की समस्याएं खत्म होती हैं। गुरु प्रदोष व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है।

Have something to say? Post your comment
दातीजी महाराज...एक ऐसा संत, जिसका जीवन मानव कल्याण, गायों की सेवा, बेटियों की खुशहाली और धर्म की रक्षा को समर्पित

: दातीजी महाराज...एक ऐसा संत, जिसका जीवन मानव कल्याण, गायों की सेवा, बेटियों की खुशहाली और धर्म की रक्षा को समर्पित

श्री श्याम करुणा फाउंडेशन ने अपना 172वां भंडारा आयोजित किया

: श्री श्याम करुणा फाउंडेशन ने अपना 172वां भंडारा आयोजित किया

माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू

: माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू

जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

: जानें Kainchi Dham क्यों कहलाता है नीब करौली बाबा का आश्रम

जानें  गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

: जानें गणेश जी ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा  करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जीवन में होगी सभी सुखों की प्राप्ति

कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

: कब है पापमोचनी एकादशी-चैत्र नवरात्र, आइए जानते हैं इस माह के व्रत और त्योहार

काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

: काशी विश्वनाथ मंदिर में कब और कौन करते हैं सप्तर्षि आरती? आइए, इसके बारे में जानें सबकुछ

रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास  है

: रमजान को संयम का महीना माना जाता है,यह महीना सिर्फ इबादत का ही नहीं इंसानियत के लिए बहुत खास है

झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

: झारखंड के सोनमेर मंदिर में पूरी होती है मनोकामना, पाहन करते हैं मुंडारी भाषा में मंत्रोच्चार

X