चंडीगढ़ । देवशयनी एकादशी, जिसे आषाढ़ी एकादशी या हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में चले जाते हैं। इस साल यह व्रत 17 जुलाई, 2024 (बुधवार) को रखा जाएगा। यह व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसका पालन करने से कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।
देवशयनी एकादशी व्रत कैसे रखें?
व्रत का समय: 16 जुलाई (मंगलवार) रात 8:33 बजे से 17 जुलाई (बुधवार) रात 9:02 बजे तक।
क्या खाएं: फल, फलाहार, साबुदाना, कुट्टू, राजगिरा आदि।
क्या ना खाएं: चावल, अन्न, नमक, मसाले, दूध और दूध उत्पाद।
पूजा: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें।
अन्य नियम
दिन भर व्रत रखें और रात में फलाहार ग्रहण करें। गाय को भोजन कराएं
दान-पुण्य करें
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। ब्राह्मण को भोजन कराएं उनको वस्त्र दान करे।मन को शांत रखें और सकारात्मक विचार रखें।
देवशयनी एकादशी के दिन किन गलतियों से बचें?
चावल का सेवन
भले ही आप व्रत न रखें, फिर भी इस दिन चावल या चावल से बनी चीजों का सेवन न करें।
बाल धोना
महिलाओं को इस दिन बाल नहीं धोने चाहिए।
नाखून और बाल काटना
इस दिन नाखून या बाल नहीं काटने चाहिए। व्रत त्योहार के दिन बाल नाखून काटने से नकारात्मक शक्तियां प्रभावित करता है।
तामसिक भोजन
यदि घर में कोई व्रत रख रहा है, तो घर में तामसिक भोजन न बनाएं और न ही लाएं। क्योंकी तामसिक भोजन मन को अशुद्धता बनाता है जिसे परिवार में अशांति बनती है।
काले रंग के कपड़े
इस दिन काले रंग के कपड़े न पहनें क्योंकि काले रंग के कपड़े से नकारत्मक ऊर्जा बन जाती है लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना बेहतर है
देवशयनी एकादशी का महत्व
- भगवान विष्णु की पूजा का पावन अवसर
- पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति
- मन की शांति और आध्यात्मिक उन्नति
- आरोग्य लाभ,मोक्ष की प्राप्ति