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रावण के मरते वक्त बताई 3 खास बाते, जो कलयुग में भी काम की है

Updated on Sunday, June 30, 2024 13:14 PM IST

चंडीगढ़। रावण महापंडित था। वेद, ज्योतिष, तंत्र और योग का ज्ञाता था। वह युद्ध और मायावी कला में भी पारंगत था। लेकिन रावण के कर्म खराब थे। वह क्रूर होने के साथ ही कामी भी था। हालांकि मरते वक्त उसने लक्ष्मण को जो बातें कही है वह आज भी प्रासंगिक मानी जाती है, क्योंकि रावण नीतिज्ञ भी था।

रावण जब मरणासन्न अवस्था में था तब प्रभु श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा था कि जाओ उसके पास जाकर कुछ शिक्षा ले लो। श्रीराम की यह बात सुनकर लक्ष्मण चकित रह गए। भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि इस संसार में नीति, राजनीति और शक्ति का महान पंडित रावण अब विदा हो रहा है, तुम उसके पास जाओ और उससे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले लो जो और कोई नहीं दे सकता। तब लक्ष्मण रावण के चरणों में बैठ गए। लक्ष्मण को अपने चरणों में बैठा देख महापंडित रावण ने लक्ष्मण को 3 बातें बताईं, जो कि जीवन में सफलता की कुंजी है।

शुभस्य शीघ्रम : पहली बात जो लक्ष्मण को रावण ने बताई वह यह थी कि शुभ कार्य जितनी जल्दी हो, कर डालना चाहिए और अशुभ को जितना टाल सकते हो, टाल देना चाहिए अर्थात शुभस्य शीघ्रम। मैं प्रभु श्रीराम को पहचान नहीं सका और उनकी शरण में आने में देर कर दी। इसी कारण मेरी यह हालत हुई। यह में पहले ही पहचान लेता तो मेरी यह गत नहीं होती।

शत्रु को कभी छोटा मत समझो रावण ने लक्ष्मण को दूसरी शिक्षा यह दी कि अपने प्रतिद्वंद्वी, अपने शत्रु को कभी भी अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए। मैं यह भूल कर गया। मैंने जिन्हें साधारण वानर और भालू समझा, उन्होंने मेरी पूरी सेना को नष्ट कर दिया।

कोई तुच्छ नहीं होता- महापंडित रावण ने लक्ष्मण को तीसरी सीख यह दी कि मैंने जब ब्रह्माजी से अमरता का वरदान मांगा था तब मनुष्य और वानर के अतिरिक्त कोई भी मेरा वध न कर सके ऐसा वर मांगा था, क्योंकि मैं मनुष्य और वानर को तुच्छ समझता था। यह मेरी गलती हुई।

कहते हैं कि इसके अलावा रावण ने यह भी कहा कि कभी किसी पर विश्वास मत करना भले ही चाहे वह तुम्हारा सगा भाई हो। हालांकि यह शायद रावण ने इसलिए कहा होगा क्योंकि उसके अनुसार उसके भाई विभिषण ने उसे धोखा दिया था।

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