जीरकपुर। जीरकपुर व आसपास के क्षेत्र में फैली अव्यवस्थाओं के मुद्दे पर पूर्व विधायक एनके शर्मा ने मौजूदा सरकार को घेरते हुए कहा है कि एक तरफ सरकार जीरकपुर को नगर निगम बनाने का ऐलान कर चुकी है वहीं पिछले 11 महीने से नगर परिषद की एक भी बैठक नहीं हुई है। जिसके चलते शहर के दैनिक कार्य ठप हो चुके हैं। विकास कार्य होना तो जीरकपुर वासियों के लिए सपना बन चुका है। एन के शर्मा आज यहां जीरकपुर के विभिन्न वार्डों से आए हुए जनप्रतिनिधियों से समस्याएं सुनने के बाद उनसे विचार विमर्श कर रहे थे।
पूर्व विधायक ने लोकल जनप्रतनिधियों से सुनी समस्याएं
जीरकपुर शहर की समस्याओं को लेकर प्लेटिनम सोसायटी जीरकपुर के अध्यक्ष श्याम सिंह सैनी, रविंद्रा एनक्लेव से अर्जुन, बिशनपुरा से पूर्व पार्षद बलजीत सिंह, हरमेश सैनी गाजीपुर, दशमेश कालोनी से अवतार सिंह, कलगीधर एनक्लेव से डॉ.रणबीर सिंह, सिग्मा सिटी के हरबंस सिंह, दशमेश कालोनी से सुनील, सावित्री एनक्लेव से भूपिंदर सिंह समेत कई अन्यों ने बताया कि शहर में लोग मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। मानसून की पहली ही बारिश में जल निकासी प्रबंधों को लेकर सरकार के दावों की पोल खुल चुकी है। पूर्व विधायक ने कहा कि जीरकपुर के लोगों को नगर निगम बनाने के नाम पर गुमराह किया जा रहा है जबकि हालात यह हैं कि जीरकपुर नगर परिषद में भी लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है।
किसी भी वार्ड में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। नगर परिषद ने यहां मानसून से पहले कोई तैयारी नहीं की। एनके शर्मा ने कहा कि पंजाब के अन्य शहरों के मुकाबले जीरकपुर नगर परिषद के माध्यम से सरकार के खजाने में सर्वाधिक राजस्व जाता है। इसके बावजूद यहां कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
शमशान घाट में अस्थियां बहने पर जवाब दें विधायकपूर्व विधायक एनके शर्मा ने कहा कि पिछले दो दिनों से हुई बारिश ने जहां जीरकपुर वासियों को घरों में कैद कर दिया है वहीं बलटाणा के शमशान घाट में पानी भरने से अस्थियां बहने के मामले में इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार तथा विधायक इस बात का जवाब दें कि शमशान घाट में जलभराव के लिए कौन जिम्मेदार है। बलटाणा के शमशान घाट में पानी भरना और अस्थियों का बहना मानवता को शर्मशार करने वाली घटना है।