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जानें कब है पितृपक्ष का प्रदोष व्रत है, इस दिन करें ये उपाय, दूर होगा पितृदोष

Updated on Sunday, September 22, 2024 09:47 AM IST

चंडीगढ़ | सनातन धर्म मे पितृपक्ष का खास महत्व है।इस पितृपक्ष मे श्रद्धा के साथ अपने पूर्वज को याद किया जाता है। पितृ के निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है।पितृपक्ष मे तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने से दो चीजों का फायदा होता है। पहला इससे पितृ प्रशन्न होते है और दूसरा जिस भी जातक के ऊपर पितृदोष होता है। वह पितृदोष समाप्त हो जाता है।

वहीं अगर जातक पितृ के निमित्त पितृपक्ष मे तर्पण नहीं कर सकते है। वैसे लोग पितृपक्ष के त्रयोदशी तिथि के दिन कुछ उपाय करने से पितृदोष समाप्त हो जाएगा। कालसर्प दोष भी समाप्त हो जाएगा।आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है। क्या उपाय करना चाहिए?।

क्या कहते है ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य  कहा कि 17सितम्बर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है। यह 2अक्टूबर तक चलने वाली है। इस पितृपक्ष मे पिंडदान करने से शुभफलो की प्राप्ति होती है। क्योंकि इस पितृपक्ष मे पितृ धरती पर वास करते है।वहीं अगर आपके पितृ नाराज होते है तो पितृदोष लग सकता है संतान सुख से वंचित रहना पड़ सकता है। इसके आलावे करियर, कारोबार मे भी परेशानि हो सकती है। इससे बचने के लिए पितृपक्ष के त्रयोंदशी तिथि के दिन कुछ उपाय कर सकते है।जिससे जातक को पितृदोष से भी मुक्ति मिलेगी और काल सर्पदोष से भी है।

बेहद शुभ है पितृपक्ष का प्रदोष व्रत
पितृ पक्ष का प्रदोष व्रत 30 सितंबर दिन सोमवार पड़ रहा है। सोमवार दिन रहने के कारण यह प्रदोष बेहद शुभ है। सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है।

प्रदोष व्रत के दिन क्या उपाय करे
पितृपक्ष मे आने वाले प्रदोष व्रत के दिन कुछ उपाय करते है तो पितृपक्ष से तो मुक्ति मिलेगी ही साथ ही कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।

शिवलिंग के ऊपर तिल का करे अर्पण
पितृपक्ष के त्रयोंदशी तिथि के दिन पितृ के नाम से संकल्प ले। फिर भगवान शिव के शिवलिंग के ऊपर दूध से अभिषेक अवश्य करे लेकिन ध्यान रहे उस दूध मे तिल अवश्य मिलाये और माता पार्वती को भी अर्पण करे तभी पितृ भी प्रशन्न होंगे।

शोडॉपउपचार विधि से करे पूजा अर्चना 
भगवान शिव की पूजा हमेशा विधि विधान के साथ करनी चाहिए। वही भगवान शिव को शोडॉपउपचार विधि से पूजा सबसे प्रिय है। इसलिए पितृपक्ष के त्रयोंदशी तिथि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा शोडॉपउपचार विधि से भगवान शिव और माता पार्वती प्रशन्न होते और करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

राम नाम लिखा बेलपत्र करे अर्पण
भगवान शिव को राम नाम बेहद प्रिय है। इसलिए इस दिन राम नाम लिखा बेलपत्र पितृ के नाम से भगवान शिव के शिवलिंग के ऊपर अर्पण करे। इससे पितृ बेहद प्रशन्न होंगे और पितृदोष से मुक्ति मिलेगी।

चांदी का सर्प बनाकर नदी मे करे प्रवाहित 
प्रदोष व्रत के दिन स्नान कर एक छोटा से चांदी का सर्प बनाकर तिल के साथ नदी मे प्रवाहित करे। इससे पितृदोष के साथ कालसर्प दोष से भी मिलेगी मुक्ति।

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