चंडीगढ़, 30 जून -- हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) के 28 मार्च 2025 के आदेश के अनुसार, हरियाणा डिस्कॉम्स की टैरिफ याचिका पर विभिन्न श्रेणियों के लिए बिजली की दरों में अप्रैल 2025 से संशोधन किया गया है। यह वित्तीय वर्ष 2017-18 के बाद पहली टैरिफ वृद्धि है, जो सात साल के अंतराल के बाद हुई है, जबकि बिजली खरीद लागत और परिचालन खर्चों में लगातार वृद्धि हुई है।
यह उल्लेखित किया जाता है कि लगभग एक दशक तक टैरिफ को अपरिवर्तित रखना बढ़ी हुई परिचालन दक्षता और सख्त वित्तीय अनुशासन के कारण संभव हो पाया। पिछले एक दशक में, वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक, एटी एंड सी (समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक) लॉसेस 29% से घटाकर 10% के स्तर पर लाया गया है।
संशोधित बिजली टैरिफ संरचना के अनुसार, सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) समाप्त कर दिया गया है। श्रेणी-I के घरेलू उपभोक्ताओं (2 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड और 100 यूनिट तक की मासिक खपत वाले) के मासिक बिलों में वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में 49% से 75% तक की कमी आई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की दरों (MMC के बिना) से तुलना करने पर, बिलों में वृद्धि 10% के भीतर है। हालांकि, पिछली टैरिफ संरचना (MMC के साथ) की दरों से तुलना करने पर, बिल की राशि में काफी कमी आई है। इसके अतिरिक्त, श्रेणी-II के उपभोक्ताओं (5 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड वाले) के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में बिलों में 3% से 9% की वृद्धि हुई है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में, इस श्रेणी के अधिकांश उपभोक्ताओं के बिलों में कमी दर्ज की गयी है, जिसमें केवल कुछ स्लैब में 1% से कम की वृद्धि देखी गई है। कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 94% श्रेणी I और II में आते हैं। श्रेणी-III के उपभोक्ताओं के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में वृद्धि 5% से 7% तक है। इस श्रेणी में कम खपत स्तरों के लिए, प्रतिशत वृद्धि अधिक लग सकती है। हालांकि, इस श्रेणी में केवल 6% घरेलू उपभोक्ता ही आते है।
हाल ही में, कुछ लोगों द्वारा यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है की बिजली बिल 4 गुना तक बढ़ गए है, यह दावे पूरी तरह गलत है । बिजली के बिलों का मूल्यांकन पिछले वर्ष के उसी महीने के हिसाब से किया जाना चाहिए, क्योंकि यह समान खपत पैटर्न को दर्शाता है। टैरिफ वृद्धि न्यूनतम और जायज़ रखी गयी है ।
हरियाणा में घरेलू श्रेणी के लिए निश्चित शुल्क (फिक्स्ड चार्जेस) जीरो रुपये से 75 रुपये/किलोवाट तक और उच्चतम ऊर्जा स्लैब 7.50 रुपये/ यूनिट पर बनाए रखा गया है। जबकि, इसके विपरीत, पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये/किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये/यूनिट तक है। वित्तीय वर्ष 2025-26की दरें वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में घरेलू श्रेणी के बिलों में मामूली वृद्धि और श्रेणी-I के लिए कमी भी दर्शाती है:
घरेलू बिलों की तुलना: वित्तीय वर्ष 2025-26 बनाम वित्तीय वर्ष 2014-15 और वित्तीय वर्ष 2024-25
उपभोक्ता श्रेणी
Cat-I: लोड 2kW तक और खपत 100 यूनिट तक
Cat-II: लोड 5kW तक
Cat-III: लोड 5kW से अधिक
यूनिट खपत
50
100
150
200
400
600
800
1000
1200
वित्तीय वर्ष 2014-15 (बिल राशि)
259.90
509.19
818.25
1,115.48
2,432.92
3,879.90
5,413.58
7,668.40
9,202.08
वित्तीय वर्ष 2024-25 (MMC के साथ बिल राशि)
239.60
244.60
435.75
804.38
2,152
3,635
5,199
7,821
9,386
वित्तीय वर्ष 2024-25 (MMC के बिना बिल राशि)
107.00
239.50
वित्तीय वर्ष 2025-26 (बिल राशि)
117.20
259.90
466.35
834.98
2,348
3,897
5,462
8,229
10,028
% वृद्धि/कमी (बनाम 2014-15)
-54.91%
-48.96%
-43.01%
-25.15%
-3.48%
0.45%
0.89%
7.32%
8.98%
% वृद्धि/कमी (बनाम 2024-25 MMC के साथ)
-51.09%
6.26%
7.02%
3.80%
9.12%
7.23%
5.05%
5.22%
6.85%
% वृद्धि/कमी (बनाम 2024-25 MMC के बिना)
9.53%
8.52%
उपरोक्त तालिका से यह स्पष्ट है कि घरेलू श्रेणी के बिजली के बिलों में वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में वृद्धि 9.6% से कम है।
एच टी उपभोक्ताओं के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक टैरिफ संशोधन लोड और खपत के आधार पर 7% से 10% की मध्यम वृद्धि को दर्शाता है। एल टी श्रेणी में, विभिन्न उपभोक्ताओं में वृद्धि अपेक्षाकृत मध्यम है, जो 4% से 7% तक है। इन समायोजनों के बावजूद, समग्र प्रभाव मामूली बना हुआ है, खासकर छोटे और मध्यम एल टी उपभोक्ताओं के लिए।
पड़ोसी राज्यों की तुलना में, हरियाणा एल टी और एच टी दोनों उपभोक्ता श्रेणियों में काफी कम बिजली टैरिफ चार्ज करता है, जिससे यह दोनों खंडों के उपभोक्ताओं के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प बन जाता है। पड़ोसी राज्यों में एल टी उपभोक्ताओं के लिए निश्चित शुल्क 450 रुपये/किलोवाट तक और एच टी उपभोक्ताओं के लिए 475 रुपये/किलोवाट तक हैं, जबकि ऊर्जा शुल्क एल टी के लिए 8.95 रुपये/यूनिटऔर एच टी के लिए 7.75 रुपये/यूनिट तक है।
किसानों को प्रोत्साहित करते हुए, कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह केवल 10 पैसे/यूनिट (मीटर्ड) और 15 रुपये/BHP/माह (फ्लैट रेट) का भुगतान करना होगा तथा शेष राशि का अनुदान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। मीटर वाले कनेक्शन के लिए MMC को घटाकर 180 रुपये (15 BHP तक) और 144 रुपये (15 BHP से ऊपर) कर दिया गया है।
हरियाणा डिस्कॉम्स निरंतर, निर्बाध, सस्ती और उपभोक्ता-केंद्रित बिजली सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।