चंडीगढ़। देश के नामी इंक पब्लिकेशन द्वारा रविवार को प्रयागराज स्थित हिन्दुस्तानी एकेडमी में 'साहित्य सृजन के पथ पर हमारी यात्रा' विषय पर साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें देशभर के मूर्धन्य अतिथि व साहित्यकारों द्वारा सार्जेण्ट अभिमन्यु पाण्डेय ‘मन्नू’ के चन्द्र मिशन-3 पर आधारित कविता संग्रह ‘अभियान’ और कर्म के प्रति प्रेरणा पर आधारित संग्रह ’दो पग’ के साथ हिन्दी के कवि इमरान सम्भलशाही की ’दीवार उस पार’ कवियित्री अनीता सुधीर की ’मंथन’ व ’भाव उर्मियां’, रमोला रूथ लाल आरजू़ का उपन्यास ‘वो लड़की’ एवं कहानी संग्रह ‘भोर के आंसू’, सोनू चौहान की कहानी संग्रह ’दो लोटा छाछ’ व कुकी ’बाल गीत’ तथा युवा कवि विप्लव यादव का ‘दिल बंजारा’ आदि अनेकों पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात् इंक पब्लिकेशन के सचिव डॉ विनय श्रीवास्तव के द्वारा पुष्प गुच्छ तथा अध्यक्ष दिनेश कुशवाहा द्वारा अतिथियों का अंगवस्र तथा सम्मान पत्र भेंट कर सम्मान किया गया।
पुस्तकों के लोकार्पण के पश्चात अपनी प्रतिक्रिया देते हुए समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. धनंजय चोपड़ा ने अपनी लोकार्पित पुस्तकों के कवियों, लेखकों के साहित्य विधा की समीक्षा कर उन्हें शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि सार्जेण्ट अभिमन्यु पाण्डेय की कविताएं सहज भाषा भाव से सजी देशप्रेम, व्यक्तिगत तथा सामाजिक सरोकार से सजी हैं। जहां इमरान शाही ध्वनियां पकड़ कर उसे शब्द देते है तो वहीं अनीता सुधीर आख्या ने अपनी कविताओं में संस्कृति की सुरक्षा पर ध्यान दिया है। सोनू चौहान के बाल गीत में बाल सुलभ गुण हैं तो युवा कवि विप्लव यादव की कविताओं में भविष्य की सम्भावनाएं हैं।
विशिष्ट अतिथि अमिताभ त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि सेना से जुड़े थे सार्जेण्ट अभिमन्यु पाण्डेय की कविताओं में देशप्रेम, आशावाद व जीवन के प्रति उत्साह साफ दिखता है। दीवार उस पार में ग्रामीण सामाजिक सरोकार की कविताएं हैं। अनीता सुधीर की कविताओं के शब्द जीवन से जुड़े हैं। बाल गीत कठिन विधा है। विप्लव ने गजल व शेर के रुप में अच्छा प्रयास किया है। कविता के गुण के बारे में उन्होंने कहा- जो पाठक स्मृतियों में धारण कर ले तथा कवि के साथ उसे साझा कर ले वही कविता है।
विशिष्ट अतिथि व्यवसायी अनिल कुमार गुप्ता जी ने कहा कि प्रयागराज संगम, हाईकोर्ट के साथ साथ प्रकाशन के मामले में भी काफी प्रसिद्ध है। अच्छी बात ये है कि साहित्य से महाकुम्भ का आगाज हो रहा है। कार्यक्रम के प्रथम सत्र के समापन भाषण में सरस्वती पत्रिका तथा हिन्दुस्तानी एकेडमी पत्रिका के सम्पादक और समीक्षक सभा अध्यक्ष डॉ रवि नंदन सिंह ने कहा कि साहित्य मनुष्य को मनुष्य बना देता है। रचनाकार दुनिया के अघोषित सांसद हैं, इन्होंने अपने साहित्य में जीवन जीने का सूत्र दिया है। रामायण, रामचरित मानस, गीता तथा दुनियाभर की धर्म पुस्तकें साहित्यकारों की देन हैं।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में साहित्य सृजन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श के साथ कुछ कविताओं, कहानियों का पाठ किया गया जिसमें मोनिका शर्मा द्वारा प्रस्तुत कहानी के संवाद हृदयस्पर्शी रहा। शान्त चित्त उत्तर प्रदेश के पूर्व आई जी बद्री प्रसाद सिंह ने पर्यटन के महत्व को रेखांकित किया।
मंच संचालन तथा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन इंक पब्लिकेशन के प्रकाशक दिनेश कुशवाहा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में युवा रंगकर्मी राकेश यादव, कवि जग नारायण मिश्र ’प्रतापगढ़ी’, शैलेष श्रीवास्तव सुधीर श्रीवास्तव, महेंद्र यादव आदि प्रचुर संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।