Haryana
विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने में पूर्व छात्रों का अहम योगदान:दत्तात्रेय
November 29, 2021 12:33 AM
चंडीगढ़, 28 नवम्बर। हरियाणा के राज्यपाल तथा चैधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने में पूर्व छात्रों से योगदान देने के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र अपने मातृ संस्थानों को अपनाये और विश्वविद्यालय के सरकारी अनुदान को शून्य तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित करें।
राज्यपाल दत्तात्रेय रविवार को चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के ऑनलाइन ‘पूर्व छात्र मिलन समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। पूर्व छात्रों को शिक्षण संस्थान की पूंजी बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को एक अलग एलुमनाई सेल बनाना चाहिए और पहले बैच से लेकर अब तक का डेटाबेस बनाना चाहिए।
विश्वविद्यालय एवं पूर्व छात्रों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया जाना समय की मांग है ताकि पूर्व छात्रों में संस्थान के विकास में योगदान देने का भाव उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि कौशल एवं व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सकता है और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मूल्य आधारित होने के साथ-साथ विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित है।
इसलिए विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी विभिन्न जन कल्याणकारी कार्यों से जुडक़र राष्ट्र निर्माण सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों को स्थानीय मांग के आधार पर शैक्षणिक ढांचा तैयार करवाने में मदद करनी होगी ताकि सुनहरे भारत का निर्माण किया जा सके।
इस अवसर पर दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मुरथल के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र कुमार अनायत ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की और अपने संबोधन में कहा कि पूर्व छात्र किसी भी विश्वविद्यालय की रीढ की हड्डी होते हैं और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलकर उनके कनिष्ठ आगे बढ़ते हैं।
इसके उपरांत विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने विश्वविद्यालय की अकादमिक एवं ढांचागत विकास परियोजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया।