चंडीगढ़। सेना की पश्चिमी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने कहा कि पश्चिमी कमान राष्ट्र व सीमाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सीमाओं पर सेना के जवानों को अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं, जिससे वे घुसपैठियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं बल्कि सीमा सुरक्षा को भी मजबूती मिल रही है।
उन्होंने कोरोना काल में पश्चिमी कमान द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व चंडीगढ़ में सेना ने 100-100 बैड के अस्पताल स्थापित किए तो पंजाब में आक्सीजन प्लांटों को भी शुरू करने में अपना योगदान दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह रविवार को पश्चिमी कमान की ओर से आयोजित विदाई समारोह को संबोधित कर रहे थे। पश्चिमी कमान की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह को भावभीनी विदाई दी गई। सेना अफसरों ने उनके सम्मान में जीप खींची तो रथ-बुग्गी की सवारी के दौरान सेना जवानों ने उन पर पुष्प वर्षा की। इसके बाद उन्होंने शहीद स्मारक पर पश्चिमी कमान के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
सेवानिवृत्त हुए पश्चिमी कमान के कमांडर आरपी सिंह, सेना अफसरों ने सम्मान में खींची जीप
हेलीपैड पर आयोजित विदाई समारोह में सेना के जवानों ने बैंड की सुरीली धुनों के बीच उन्हें सलामी दी। लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह को राष्ट्र के लिए उनकी विशिष्ट सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने कहा कि सीमाओं पर सेना पूरी तरह मुस्तैद है। ड्रोन के जरिये भी दुश्मनों पर पूरी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के हमलों का सेना के जवान मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं। सेना जम्मू-कश्मीर के साथ पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में हर घुसपैठ की घटना पर तुरंत कार्रवाई कर रही है।
40 साल का रहा सफल करियर
लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह का सेना में 40 साल का सफल करियर रहा है। आरपी सिंह ने 1982 में मैकेनाइज्ड इंफैंट्री कमीशन प्राप्त किया था। अपने चार दशकों के सफल करिअर में उन्होंने भारतीय सेना को सशक्त करने के साथ सीमाओें पर घुसपैठ को रोकने में अहम भूमिका निभाई।
उन्हें संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में अंगोला (अफ्रीका) में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में सेवा का भी गौरव हासिल किया। आरपी सिंह डिफेंस सर्विस स्टाफ कोर्स, हायर कमांड कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं
पश्चिमी कमान में रक्षात्मक और आधुनिकीकरण का रोडमैप किया तैयार
पश्चिमी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने सीमा सुरक्षा में कमान की आक्रामकता और आधुनिकीकरण का रोडमैप तैयार किया। उन्होंने पश्चिमी सेना के आक्रामक और रक्षात्मक रोजगार में भविष्य की परिचालन अवधारणाओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके साथ ही उनके नेतृत्व में सेना ने कोरोना काल में चंडीगढ़, पटियाला व फरीदाबाद में 100-100 बैड के कोविड अस्पताल स्थापित करके संक्रमण की जंग जीतने में अभूतपूर्ण योगदान किया। सेना के पैरामेडिकल स्टाफ ने रोगियों का उपचार करने के साथ आक्सीजन संयंत्रों को पुन स्थापित करने और टीकाकरण में अहम भूमिका निभाई।