चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने अब तक के कार्यकाल के दौरान सतलोक आश्रम, डेरा सच्चा सौदा प्रकरण तथा जाट आंदोलन को बड़ी चुनौती बताया है। मनोहर लाल ने अपनी सरकार के 2500 दिन पूरे होने के अवसर पर सोमवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने 26 अक्तूबर 2014 को पहली बार कार्यभार संभाला था। उस समय कोई अनुभव नहीं था।
महज सात दिन बाद ही सतलोक आश्रम संचालक रामपाल को हाईकोर्ट में पेश करने की बड़ी चुनौती सामने आई। जिससे बेहतर ढंग से निपटा गया। बगैर किसी जानी नुकसान के रामपाल को कोर्ट में पेश किया गया।
मनोहर लाल ने आरक्षण आंदोलन के मुद्दे पर पहली बार खुलकर बोलते हुए कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन की हिंसा भी बड़ी चुनौती थी। उसमें कुछ लोगों ने सरकार के साथ धोखा किया। बातचीत में समझौते के बावजूद अगले दिन आंदोलन शुरू कर दिया। सीएम ने कहा कि उन्हें जाट आरक्षण आंदोलन के समय इस बात का अहसास हुआ कि राजनीतिक पार्टियां किस हद तक जा सकती है। विपक्ष के लोगों ने आरक्षण के आंदोलन को हिंसक बना दिया।
इसके बाद हरियाणा में हुए राम रहीम प्रकरण के दौरान भी सरकार ने बेहद संयम से काम लेकर स्थिति को संभाला। सीएम ने कहा कि इन घटनाओं के दौरान कोई अनुभव नहीं था, अब किसान आंदोलन के समय उनके पास पांच साल का अनुभव है। उस समय हम जीरो से शुरू हुए थे। पुरानी घटनाओं के अनुभव से किसान आंदोलन से निपटा जा रहा है।
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