यमुनानगर। पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के चलते बुधवार को यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने यमुना से सटे गांवों को हाई अलर्ट जारी किया।हथनी कुंड बैराज पर बनाए गए बाढ नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी प्रवीण अत्री ने बताया कि आज दोपहर से पहले यमुना का जलस्तर एक लाख 59 हजार 603 क्यूसिक था और दोपहर तीन बजे यह घटकर एक लाख 30 हजार हो गया है। सुबह का यमुना में छोडा गया पानी 72 घंटे बाद दिल्ली में पहुंचेगा।
72 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा पानी
प्रशासन ने 30 जुलाई तक जताई बारिश की संभावना
पश्चिमी यमुना नहर को बंद कर दिया गया है ताकि शहर के बीच से निकल रही यमुना नहर के साथ लगते गांवों में इसकी मार ना झेलनी पड़े। जिला प्रशासन ने बाढ़ की हर स्थिति से निपटने की पूरी तरह तैयारी कर ली है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग ने 27 जुलाई से 30 जुलाई तक बारिश होने की संभावना जताई है। जिला प्रशासन ने स्टेट डिजासटर रिलीफ फोर्स की टीमों को बुला लिया है और बिलासपुर तक पहुंच गई है।
अगर अधिक टीमों की जरूरत पडती है तो उसका भी इंतजाम किया गया है । यमुना से सटे गांवों के सरपंचों को हाई अलर्ट पर रहने की चेतावनी जारी कर दी गई है और यमुना मे ना जाने पर रोक लगा दी है। बता दें कि 2019 के बाद यमुना नदी के गेट नहीं खुले थे। लेकिन आज हथनी कुण्ड बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं । पिछले वर्ष बारिश कम होने से जलस्तर भूमि के काफी नीचे चला गया था और सिंचाई के लिए पानी की समस्या बढ़ गई थी। लेकिन अब बरसात के होने से पानी की आपूर्ति संभव हो पाएगी और सिंचाई से लेकर अन्य कार्यों में जल संचय का लाभ मिलेगा। वहीं पानी के संकट से जूझ रही दिल्ली को भी राहत मिलेगी।