नई दिल्ली| कांग्रेस के टिकट बंटवारे पर हरियाणा के पक्ष विपक्ष सभी की निगाह लगी हैं। दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस के दोनों हुड्डा और एसआरके गुट पूरी तरह सक्रिय है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। एसआरके गुट से कुमारी सैलजा,रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी भी लगातार कांग्रेस हाईकमान के संपर्क में हैं। हरियाणा में नौ टिकटों पर निर्णय लेने के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी और स्क्रीनिंग के बाद सलमान खुर्शीद व मधुसूदन मिस्त्री की बनाई उप समिति ने भी अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी है। अब खरगे आज शाम या कल रविवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सोनिया गांधी से विचार करके हरियाणा के टिकटों पर अंतिम निर्णय लेंगे। इसके बाद ये टिकट जारी हो जाएंगी।
दिल्ली की गतिविधियों और जानकारी के आधार पर हम आपको समझाते हैं कि हरियाणा के टिकट बंटवारे में पेच कहां फंसा है। कौन नेता क्या चाहता है। पहले तो हम आपको बता दें कि अंबाला से वरुण मुलाना, सिरसा से कुमारी सैलजा और रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के नाम पर कांग्रेस हाईकमान ने सहमति जता दी है। बाकी छह सीटों में से हिसार सीट पर भी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह का नाम लगभग फाइनल है लेकिन अन्य छह सीटों के नाम एक-दूसरे कनेक्ट हो रहे हैं। मसलन, हुड्डा चाहते हैं कि भिवानी-महेंद्रगढ़ से पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की राजनीतिक विरासत संभाल रहीं उनकी पुत्रवधु किरण चौधरी व पौत्री श्रुति चौधरी की बजाय विधायक राव दान सिंह को टिकट दे दिया जाए। यहां प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया का मानना है कि बंसीलाल को राज्य की राजनीति खासतौर पर भिवानी से अलग नहीं किया जा सकता। भिवानी के जाट फिर एकतरफा धर्मबीर के पक्ष में एकत्र हो सकते हैं और धर्मबीर को राव इंद्रजीत सिंह अपने प्रभाव के वोट अवश्य दिलाएगा। लेकिन हुड्डा का अपना स्वार्थ यह है कि अहीरवाल की एक सीट कोसली रोहतक लोकसभा क्षेत्र में होने के कारण राव दान सिंह को टिकट दिलाने का अहीरों में फायदा मिल जाएगा। उधर, हुड्डा चाहते हैं कि रोहतक से दीपेंद्र को टिकट के बाद सोनीपत से यदि ब्राह्मण नेता सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दे दिया जाए तो रोहतक-सोनीपत के ब्राह्मण समुदाय में उन्हें दीपेंद्र के लिए सहानुभूति मिलेगी। इस पर बावरिया को कोई आपत्ति नहीं है। भिवानी महेंद्रगढ़ में यदि बंसीलाल के परिवार से टिकट कटता है तो फिर हुड्डा फरीदाबाद का टिकट अपने समधी चौधरी करण सिंह दलाल को देना चाहते हैं। यहां से दीपक बावरिया चाहते हैं कि टिकट पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह को मिले। महेंद्र प्रताप सिंह गुर्जर समुदाय के बड़े नेता हैं और केंद्रीय राज्यमंत्री व भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर के सामने सबसे मजबूत रहेंगे। बावरिया ने यह बात सोनिया गांधी को भी बताई हुई है। किरण चौधरी का टिकट काटना इसलिए भी आसान नहीं है कि किरण सहित उनके दिवंगत पति सुरेंद्र सिंह के संपर्क राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मधुर रहे हैं।