चंडीगढ़। हरियाणा में नई सरकार को गठन को जहां एक माह पूरा हो चुका है वहीं अभी तक नए बने मंत्रियों को न तो स्टाफ मिल पाया है और न ही उनके दफ्तरों का मरम्मत कार्य पूरा हो सका है। मंत्री चाहकर भी अपने दफ्तरों में नहीं बैठ पा रहे हैं। दूसरी तरफ हरियाणा सरकार की किसी भी वेबसाइट पर मुख्यमंत्री और नई मंत्रियों की जानकारी तक अपडेट नहीं की गई है।
सैनी सरकार में मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्री शामिल हैं। 6 कैबिनेट मंत्री और 7 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल किए गए हैं। हरियाणा में 12 मार्च को मनोहर लाल और उनकी कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। तुरंत ही भाजपा की ओर से विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई। इसमें केंद्र से आए तीनों ऑब्जर्वरों के सामने मनोहर लाल ने नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुने का प्रस्ताव रखा। शाम को ही सैनी ने अपने 5 कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ ले ली। अगले दिन विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत हासिल कर लिया। 19 मार्च को सैनी ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। इसके बाद अब मंत्रियों को विभाग भी आवंटित कर दिए गए हैं।
कईयों के दफ्तरों के बाहर आज भी नहीं लगी स्थाई नेम प्लेट |
सैनी के मुख्यमंत्री बनते ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। जिसके चलते सरकार अपने एक महीने के कार्यकाल में अभी कोई बड़ा काम नहीं कर पाई है। इस बीच मंत्रिमंडल की दो बैठकें जरूर हुई हैं लेकिन उनमें भी केवल चुनावी रणनीति और तत्कालिक मामलों पर ही चर्चा हुई है।
एक माह में केवल तीन मंत्री ही ऐसे हैं जिनके लिए स्टाफ की तैनाती के आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश के 10 मंत्री आज भी बिना स्टाफ के ही काम कर रहे हैं।
प्रदेश के मंत्री डॉ.अभय सिंह यादव, जेपी दलाल और डॉ.बनवारी लाल को छोडक़र अन्य सभी के स्टाफ के ऑर्डर तक नहीं हुए हैं। पिछले एक माह के भीतर कई बार सीएमओ तथा मुख्य सचिव कार्यालय के बीच फाइलों का आदान प्रदान भी हुआ लेकिन मंत्रियों के स्टाफ के आदेश जारी नहीं हो सके हैं।