चंडीगढ़। हरियाणा में महिला शिक्षक चुनावी डयूटी से बचने के लिए तरह-तरह के तर्क दे रही हैं। कई शिक्षक तो गर्भवति होने का बाहना लगाकर तबादले के बावजूद नए स्थानों पर डयूटी तक ज्वाइन नहीं कर रही हैं।
प्रदेश में छठे चरण में 25 मई को चुनाव होंगे। चुनाव आयोग की ओर से तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चुनावों के बीच ही वर्ष 2017 बैच के जेबीटी शिक्षकों का तबादला किया गया है। मगर चुनावी ड्यूटी का बहाना बनाकर शिक्षक नए स्कूलों में ज्वाइनिंग नहीं कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश डाक्टर से सत्यापित करवाना होगा मेडिकल |
इन शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाई है। यही नहीं चुनावी ड्यूटी देने वाले शिक्षक भी ड्यूटी कटवाने के लिए नए-नए बहाने बना रहे हैं। लिहाजा शिक्षा विभाग की ओर से शनिवार को प्रदेश के जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वर्ष 2017 बैच के जिन शिक्षकों को अभी तक रिलीव नहीं किया गया है, उन्हें तुरंत कार्यमुक्त करते हुए संबंधित जिलों में ज्वाइनिंग कराया जाए। इसके साथ ही चुनावी ड्यूटी के लिए ईडीएमएस साइट पर डाटा भरते समय विकलांग कर्मचारी का सीएमओ द्वारा विकलांगता प्रमाण-पत्र अपलोड करना अनिवार्य है। यही नहीं चुनावी ड्यूटी के लिए ईडीएमएस साइट पर डाटा अपलोड करने के दौरान क्रोनिक बीमारी एवं गंभीर बीमारी में कर्मचारी का सीएमओ द्वारा जारी प्रमाण-पत्र अपलोड किया जाएगा। वहीं चुनावी ड्यूटी में महिला शिक्षकों को भी लगाया गया है। विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि यदि कोई महहिला शिक्षक गर्भवति है तो ईडीएमएस पर महिला कर्मचारी को 6 महीने या इसस अधिक समय से प्रेग्नेंसी का डाक्टर द्वारा सत्यापित प्रमाण-पत्र देना होगा।