गुरुग्राम। अस्पतालों में अपने को कर्तव्य समझकर करने वाली नर्सिंग ऑफिसर्स ने अपनी दो मांगों को लेकर छह दिन तक ब्लैक बैज लगाकर सरकार के समक्ष आवाज उठाई। काम भी प्रभावित ना हो और उनकी मांगें भी सरकार तक पहुंचे, इसी सोच के साथ नर्सिंग ऑफिसर्स ने ब्लैक बैज लगाकर ही काम किया।
21 दिसम्बर को राज्य स्तरीय बैठक में लिया जा सकता है निर्णय
15 से 20 दिसम्बर तक ब्लैक बैज लगाकर सरकार के समक्ष उठाई आवाज
शांतिपूर्वक विरोध के छठे एवं अंतिम दिन बुधवार को सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर्स ने एकत्रित होकर अपनी यूनिटी दिखाई। मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। इस अवसर पर ऑल नर्सिंग ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा की राज्य प्रधान निर्मल ढांडा ने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग ऑफिसर्स की दो ही मांगें हैं। पहली तो उन्हें केंद्र सरकार के नर्सिंग ऑफिसर्स के समान 7200 रुपये नर्सिंग अलाउंस दिया जाए।
दूसरी मांग नर्सिंग ऑफिसर्स को सी गु्रप से बी गु्रप में शामिल किया जाए। इन दो मांगों को सरकार वर्षों से लटकाए हुए है। इन मांगों को पूरा करने के लिए एसोसिएशन ने 12 दिसम्बर को स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने विधानसभा सत्र के बाद इस पर कुछ निर्णय लेंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब एसोसिएशन आगे की रणनीति 21 दिसम्बर गुरुवार को राज्य स्तरीय की बैठक में तय की जाएगी।
राज्य प्रधान निर्मल ढांडा ने कहा कि नर्सिंग ऑफिसर्स की ओर से अपने कार्यस्थल पर सदा काम को तवज्जो दी जाती है। शरीर में रीढ़ की हड्डी की तरह अस्पतालों में नर्सिंग ऑफिसर्स होती हैं। मरीज की हर स्तर पर उन्हें देखभाल करनी पड़ती है। मरीजों के अलावा अस्पतालों में अन्य कई कार्यों में भी नर्सेज को लगाया जाता है। कोविड19 के समय और वैक्सीनेशन में नर्सिंग ऑफिसर्स ने अहम भूमिका निभाई। अपने काम में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होने देना ही उनकी प्राथमिकताओं में रहता है। नर्सिंग ऑफिसर अपने काम को पूरी निष्ठा से करती/करते हैं।
अपने काम की वे वे खुद जिम्मेदारी लेती हैं। जिला प्रधान कमलेश सिवाच, सीएनओ सुनीता देवी, एसएनओ नीलम, एसएनओ रोशनी देवी, एसएनओ संतोष, एसएनओ निर्मल कुमारी, एसएनओ प्रेम देवी, नर्सिंग ऑफिसर पूनम सहराय, दीप्ति, प्रियंका अरोड़ा, जया कुमारी, प्रियंका सैनी, नेहा, कोमल, अंकिता समेत अनेक नर्सिंग ऑफिसर्स ने यूनिटी दिखाकर सरकार से अपनी मांगें पूरी करने की अपील की। नर्सिंग ऑफिसर्स ने कहा कि वे अपने इस प्रोफेशन में अपनी मांगों को मनवाने के लिए कोई ऐसा कदम नहीं उठातीं, जिससे कि मरीजों के उपचार में कोई बाधा आए। बीते छह दिनों में उनका यह प्रयास रहा कि उनकी तरफ से अपनी मांगें भी सरकार तक पहुंच जाएं और काम भी प्रभावित ना हो।